क्या है लैंडस्लाइड, जिसने केरल, हिमाचल में मचाई तबाही, जानिए असली वजह
landslide, भूस्खलन एक भूवैज्ञानिक घटना है। धरातली हलचलों जैसे पत्थर का खिसकना या गिरना, पथरीली मिटटी का बहाव, इत्यादि इसके अंतर्गत आते हैं।
29 जुलाई दिन सोमवार की सुबह केरल के लोगों के लिए मनहूस साबित हुई। अचानक देर रात की गहरी नींद ले रहे लोगों को पहाड़ों के थर्राने की आवाज ने बेचैन कर दिया। चट्टाने और जमीन दरकने लगीं और मलबा गिरने लगा। इसकी चपेट में 4 गांव आ गए, मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव। अब तक इस प्राकृतिक आपदा से करीब 297 लोगों की मौत हो चुकी है, आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मंडी में तेज बारिश के बाद लैंडस्लाइड हुआ है अब तक यहां 2 लोगों की मौत और 51 लोग लापता बताए जा रहें हैं। कई घर तबाह हैं। मगर हम हर साल मानसून के दिनों में ये खबरें पढ़ते और देखते हैं की कहीं बादल फट गए, तो कहीं पहाड़ सड़क पर आ गए। आखिर इन सब चीजों की अलसी वजह क्या होती है। आइए आपको समझाते हैं ।
क्या होता है लैंडस्लाइड
दरअसल (landslide) भूस्खलन एक भूवैज्ञानिक घटना है। धरातली हलचलों जैसे पत्थर का खिसकना या गिरना, पथरीली मिटटी का बहाव, इत्यादि इसके अंतर्गत आते हैं। साधारण शब्दों में कहा जाए तो किसी पहाड़ का नीचे गिरना या फिर नीचे सरकना होता है। वैज्ञानिक इसे डाउन स्लोप मूवमेंट कहते हैं। पृथ्वी की ग्रैविटी के कारण जमीन और चट्टान अपना वजन ढो नहीं पाता, इसके कारण वह फिसल कर नीचे की तरफ आ जाता है, जमीन के नीचे हलचल होना, फिर इसका फैलाव कीचड़ के रूप में बन जाता है, जिसे हम मलबा कहते हैं।
चार कारणों से होता है लैंडस्लाइड
लैंडस्लाइड होने के चार कारण होते हैं। पहला और सबसे खतरनाक कारण है वजन और फिर एंगल, भोगौलिक स्थिति और फिर बाहरी फोर्स का होना, दबाव के कारण ही पहाड़ अपना स्थान छोड़ देते हैं और नीचे की तरफ आने लगते हैं, इसी क्रिया को लैंडस्लाइड का नाम दिया गया है।
केरल का वायनाड और हिमाचल प्रदेश दोनों जगह की भौगोलिक स्थिति अलग अलग है। मगर इन दोनों पहाड़ी एरिया में पहाड़ थर्राए हैं, भूस्खलन हुआ है, केरल के नीचे हिस्से में , या फिर हिमाचल प्रदेश के ऊपरी हिस्से में। इसका कारण तेज बारिश और लगातार हो रही बारिश है। केरल में शवों को निकालने का काम जारी है इस बीच एक वीडियो सामने आया जिसमें सड़क पर एंबुलेंस की गाड़ियों में शवों को ले जाया जा रहा है। अब तक इस प्राकृतिक आपदा से करीब 297 लोगों की मौत हो चुकी है।
ह्रदयविदारक 💔
— Vinod Kapri (@vinodkapri) July 31, 2024
ये शव यात्रा नहीं , शवों की यात्रा है ! #Waynad pic.twitter.com/wuqEW946Uj
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