राहुल और बघेल की मीटिंग के क्या हैं सियासी मायने: बघेल के सियासी सफर का अगला पड़ाव पंजाब

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। राष्ट्रीय कांग्रेस में महासचिव बनाए जाने के बाद बघेल की राहुल से यह पहली मुलाकात है।;

Update: 2025-02-18 16:59 GMT

रायपुर। लोकसभा के बाद अब निकाय चुनावों में मिली करारी हार के बाद प्रदेश के कई बड़े कांग्रेसी नेता दीपक बैज की अध्यक्षता और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। इसी बीच दिल्ली से आई एक फोटो ने कांग्रेस का सियासी पारा बढ़ा दिया है। दरअसल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। राष्ट्रीय कांग्रेस में महासचिव बनाए जाने के बाद बघेल की राहुल से यह पहली मुलाकात है। 

यहां से विदाई, दिल्ली में एंट्री

कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में बघेल की एंट्री से भले ही उनके समर्थकों में खुुशी की लहर हो, लेकिन राजनीतिक पंडित इसे प्रदेश की राजनीति से बघेल की विदाई के तौर पर देख रहे हैं। भले ही दिल्ली में एंट्री मिलने से भूपेश के सियासी कद में वृद्धि हो, लेकिन प्रदेश कांग्रेस से उनकी पकड़ काम होना तय है। जिस प्रकार सत्ता में रहते हुए बघेल पार्टी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में सियासत करते थे, कांग्रेस की सरकार में 5 सालों तक बघेल की चली थी। यही कारण रहा टीएस बाबा हों या जय सिंह अग्रवाल सरीखे नेता, बघेल के नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को भी बघेल समर्थक के तौर पर ही देख जाता है। 

2026 में पंजाब में चुनाव 

कांग्रेस ने भूपेश बघेल को लम्बी रणनीति के तहत पंजाब का महासचिव बनाया है। दरअसल राज्य में अगले साल यानि 2026 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इस लिहाज से बघेल की यह नियुक्ति महत्वपूर्ण हो जाती है। पंजाब से कांग्रेस को काफी उम्मीदें हैं। यही कारण है कि राहुल ने अपने खास सिपहसालार को राज्य में भेजने का फैसला लिया हैं। लेकिन यह फैसला बघेल को छत्तीसगढ़ की राजनीति से दूर करने वाला है। इससे छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनकी दखल कम होगी और प्रदेश के बड़े निर्णयों में बघेल की रायशुमारी को दरकिनार किया जा सकता है।

Tags:    

Similar News