IAS Anurag Jain: मध्य प्रदेश CS के रूप अनुराग जैन पहली पसंद क्यों, क्या MP के बढ़ते कर्जे का निकालेंगे उपाय?
Who is IAS Anurag Jain : मध्य प्रदेश। अनुराग जैन को सोमवार 30 अगस्त को मध्य प्रदेश का मुख्य सचिव (Chief Secretary of Madhya Pradesh) नियुक्त कर दिया गया है। अनुराग जैन PM नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में हैं और मध्य प्रदेश सरकार की पहली पसंद भी हैं। इस समय मध्य प्रदेश सरकार पर करोड़ो रुपए का कर्जा है ऐसे में माना जा रहा है कि अनुराग जैन एमपी सरकार (MP Goverment) के बढ़ते कर्जे का उपाय निकालेंगे। आइये जानते हैं कौन हैं अनुराग जैन और कितना है मोहन सरकार पर कर्जा... ।
कौन हैं IAS अनुराग जैन
अनुराग जैन 1989 बैच के आईएएस अफसर हैं। आईएएस अनुराग जैन का जन्म 11 अगस्त 1965 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उन्होंने बी.टेक. (ऑनर्स) इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की इसके बाद लोक प्रशासन में एम.ए., मैक्सवेल स्कूल, सिरैक्यूज विश्वविद्यालय, यूएसए से किया। मध्यप्रदेश मूल के वे दूसरे मुख्य सचिव हैं। इससे पहले नर्मदापुरम के रहने वाले केएस शर्मा 1987 में प्रदेश के मुख्य सचिव रहे हैं। अनुराग जैन 30 मई 2020 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। अनुराग जैन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दो बार सचिव रह चुके हैं और वे पीएमओ में संयुक्त सचिव भी रह चुके हैं। वित्त प्रबंधन में अनुराग जैन विशेषज्ञ हैं। साल 2019 में कमलनाथ की सरकार में उन्हें वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौपी गई थी। इसके बाद केंद्र ने उन्हें दिल्ली बुला लिया था। अनुराग जैन का मध्य प्रदेश मुख्य सचिव के रूप में कार्यकाल अगस्त 2025 तक रहेगा। अनुराग जैन भोपाल के कलेक्टर भी रह चुके हैं।
इन विभागों का हैं आईएएस अनुराग को अनुभव
सहायक कलेक्टर के रूप में अपने करियर की शुरुआत करते हुए, आईएएस अनुराग जैन ने 6 जून 1990 से 26 अगस्त 1991 तक सागर में सेवाएँ दीं। इसके बाद 27 अगस्त 1991 से 14 अक्टूबर 1992 तक खुरई में एसडीओ का पद संभाला। 28 अक्टूबर 1992 से 14 जुलाई 1993 तक अनुराग जावरा में भी इसी भूमिका में रहे।
साल 1993 में उन्होंने 19 जुलाई से 1 सितंबर तक कांकेर में अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में कार्य किया। इसके बाद 7 सितंबर 1994 से जुलाई 1995 तक छिंदवाड़ा में डीआरडीए के परियोजना अधिकारी का कार्यभार संभाला। जुलाई 1995 से जून 1996 तक उन्होंने भोपाल में इसी पद पर अपनी सेवाएँ दीं, और फिर जून 1996 से जुलाई 1997 तक दुर्ग में कार्य किया।
आईएएस अनुराग जैन साल 1997 में मंडला के कलेक्टर बने, जहाँ उन्होंने 14 जुलाई 1997 से जून 1999 तक कार्य किया। इसके बाद 22 जून 1999 से 10 जुलाई 2001 तक मंदसौर के कलेक्टर रहे। जुलाई 2001 से जनवरी 2004 तक उन्होंने भोपाल में कलेक्टर का पद संभाला।
साल 2004 में आईएएस अनुराग जैन 20 जनवरी से अगस्त तक म.प्र. पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आयुक्त सह निदेशक के रूप में कार्यरत रहे। इसके बाद 5 जुलाई 2005 से 12 सितंबर 2005 तक आईईसी ब्यूरो में आयुक्त सह निदेशक की जिम्मेदारी निभाई। स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त के रूप में उन्होंने 23 सितंबर 2005 से दिसंबर 2005 तक कार्य किया।
आईएएस जैन ने 6 दिसंबर 2005 को मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में पद ग्रहण किया। 11 जून 2007 से 27 जून 2011 तक सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत रहे। इसके बाद 29 जून 2011 से 5 जनवरी 2015 तक वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव की भूमिका निभाई।
1 जनवरी 2015 से वे प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं। 28 जुलाई 2018 से वे म.प्र. सरकार के वित्त विभाग में प्रमुख सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं और विशेष आयुक्त (समन्वय), म.प्र. भवन, नई दिल्ली के विशेष अधिकारी भी हैं।
पीएम के करीबी हैं IAS अनुराग जैन
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में उन्हें सबसे अहम रोड ट्रांसफोर्ट और हाईवे मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी। अनुराग जैन ने मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस डिलीवरी एक्ट को लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। केंद्र के गति शक्ति मास्टर प्लान में उनका अहम योगदान था। वे दिसंबर 2013 से जनवरी 2014 तक इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बैंक के कार्यवाहक अध्यक्ष और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक भी रहे हैं। माना जा रहा है कि अनुराग जैन पीएम के काफी करीबी माने जाते हैं, इसलिए उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौपी गई है।
मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज 3.90 लाख करोड़ रुपये
राज्य सरकार का 31 मार्च 2024 तक कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपये था जिसके बाद सरकार ने अगस्त 2024 में 10 हजार करोड़ रुपए का कर्जा लिया इसके बाद सितंबर महीने में सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपए का कर्जा लिया। इस तरह नए कर्ज के साथ मध्य प्रदेश सरकार का कर्ज 3.90 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अनुराज जैन वित्त प्रबंधन के विशेषज्ञ मानें जाते हैं। ऐसे में अनुराग MP के बढ़ते कर्जे का उपाय निकाल सकते हैं।
इस साल कब- कब लिया सरकार ने कर्जा
- एक अगस्त 2024 को 2500-2500 करोड़ के दो कर्ज छह अगस्त को लिए जाने की अधिसूचना जारी
- दोनों ही कर्ज 11 साल और 21 साल की अवधि के हैं।
- 22 अगस्त 2024 को 2500-2500 करोड़ रुपए के दो 27 अगस्त को लिए जाने की अधिसूचना जारी
- दोनों ही कर्ज 14 साल और 21 साल की अवधि के हैं।
- 19 सितंबर 2024 को फिर 2500-2500 करोड़ रुपए के कर्ज, दोनों ही कर्ज 12 साल और 19 साल की अवधि के लिए हैं।
- पिछले साल लिए थे 44 हजार करोड़, अब तक 3.90 लाख करोड़ का कर्ज
31 मार्च 2024 को खत्म हुए वित्त वर्ष में मध्यप्रदेश सरकार पर 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज है। एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था। इसके पहले 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक थी।
मध्य प्रदेश के बढ़ते कर्जे की वजह से ठप्प हुई ये योजनाएं
मध्य प्रदेश सरकार के बढ़े हुए कर्जे का असर प्रदेश की विभिन्न योजनाओं पर भी पड़ रहा है। बढ़े हुए कर्जे की वजह से कई योजनाओं के पैसे सम्बंधित विभाग को सेंशन ही नहीं किए जा रहे हैं। इसमें विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि और लैपटॉप , 21 साल की भांजियों को लाडली बहना योजना में शामिल करना और योजना की राशि बढ़ाना और टॉपर छात्रों को 12वीं पास करने पर स्कूटी इस लिस्ट में शामिल है। बढ़ते कर्ज की वजह से ये सभी घोषणाएं अब ठंडे बस्ते में चली गईं हैं। इस कारण विपक्ष भी सरकार पर कई तरह के सवाल उठा रहा है।
इस तरह मध्य प्रदेश को इस समय बेहतर वित्त प्रबंधन की आवश्यकता है। बढ़ते कर्जा का असर मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ रहा है। ऐसे में नए मुख्य सचिव अनुराग जैन मोहन सरकार के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। केंद्र द्वारा उन्हें वापस मध्य प्रदेश में भेजने के पीछे भी यही सबसे बड़ा कारण है।