World Population Day 2024:क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस,किस देश में रहते हैं सबसे कम लोग

World Population Day 2024:हर साल 11 जुलाई को दुनियार भर में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।

Update: 2024-07-11 06:54 GMT

World Population Day 2024 : भारत दुनिया में सबसे बड़ी आबादी वाला देश है, और इसके बाद चीन का नंबर आता है। ये तो सब जानते है ,लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे कम आबादी वाला देश कौन सा है। वर्ल्ड पॉपुलेशन डे पर आइये आपको बताते हैं दुन‍िया के सबसे कम आबादी वाले देश के बारे में...।

वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश का मान्यता प्राप्त है, जो यूरोप के रोम में स्थित है। 2023-24 तक, इसकी जनसंख्या लगभग 800 है। यह देश सिर्फ 44 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है, और यहां रहने वाले ज्यादातर लोग कैथोलिक हैं।

शिवलिंग के आकार को देश

वेटिकन सिटी न केवल सबसे कम जनसंख्या वाला देश है, बल्कि अपने आकार के लिए भी प्रसिद्ध है। यह देश भगवान शिव के भक्तों द्वारा शिवलिंग के आकार में बसाया गया है। इटली के रोम में स्थित इस देश के लोगों का मानना है कि सदियों पहले यहां खुदाई में एक प्राचीन शिवलिंग मिला था, इसलिए पूरे देश को शिवलिंग के आकार में बनाया गया है।

वेटिकन सिटी के बारें में

इस देश में अभी भी सदियों पुरानी परंपराओं को माना जाता है। यहां इटली की भाषा बोली जाती है। विकास के मामले में यह देश पीछे है। यहां कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं है, सिर्फ 300 मीटर लंबा रेलवे ट्रैक है जिसका इस्तेमाल माल ढोने के लिए होता है। यहां कोई अस्पताल भी नहीं है। नागरिकता जन्म के आधार पर नहीं मिलती, बल्कि यहां काम करने से मिलती है, और नौकरी छोड़ने पर नागरिकता खत्म हो जाती है। इस देश की अपनी खुद की करेंसी भी है।

वेटिकन सिटी के अलावा ये है दुनिया के सबसे कम आबादी वाला देश

नियू

नियू न्यूजीलैंड के साथ स्वतंत्र सहयोग में एक स्वशासित द्वीप है। यह केवल 260 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में बसा है। आर्थिक अवसरों की कमी के कारण यहां की जनसंख्या वृद्धि सीमित है। वर्तमान में यहां लगभग 1,935 लोग रहते हैं।

टोकेलाऊ

टोकेलाऊ दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में स्थित तीन सुदूर एटोल का समूह है। इसका क्षेत्रफल केवल 26 वर्ग किलोमीटर है और यहां कोई हवाईअड्डा नहीं है। यहां केवल नाव से ही पहुंचा जा सकता है। इस कारण टोकेलाऊ की आबादी बहुत कम है।

फ़ॉकलैंड

द्वीपदक्षिण अटलांटिक में स्थित, फ़ॉकलैंड द्वीप की स्थिति अलग-थलग और जलवायु कठोर है, जिससे यहां बसना कम ही पसंद किया जाता है। यहां की जनसंख्या लगभग 3,500 है, और लोग मुख्य रूप से मछली पकड़ने और पर्यटन से अपना खर्च चलाते हैं।

मोंटसेराट

कैरेबियाई द्वीप राष्ट्र मोंटसेराट की जनसंख्या लगभग 4,372 है। 1990 में यहां के ज्वालामुखी विस्फोट ने द्वीप का अधिकांश भाग नष्ट कर दिया, जिससे कई निवासी पलायन कर गए।

सेंट पियरे और मिकेलॉन

उत्तरी अटलांटिक में स्थित सेंट पियरे और मिकेलॉन की जनसंख्या लगभग 5,815 है। यह देश कनाडा के तट से काफी दूर है, और यहां के लोग मछली पकड़ने और पर्यटन से अपना जीवनयापन करते हैं।

सेंट बार्थेलेमी

कैरिबियन में स्थित फ्रांसीसी विदेशी समुदाय सेंट बार्थेलेमी केवल 25 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां न कोई उद्योग है और न ही कृषि। मुख्य रूप से लोग लक्जरी ट्रैवल के लिए यहां आते हैं, जिससे रोजगार और आय के सीमित स्रोत हैं। यहां की जनसंख्या लगभग 11,019 है।

वालिस और फ़्यूचूना

दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में स्थित फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्र वालिस और फ़्यूचूना तीन छोटे ज्वालामुखी द्वीपों से बना है, जिनका कुल क्षेत्रफल केवल 142 वर्ग किलोमीटर है। आर्थिक चुनौतियों के कारण यहां की जनसंख्या लगभग 11,439 है।

तुवालु

तुवालु नौ छोटे एटोल से मिलकर बना है और 26 वर्ग किलोमीटर के छोटे से भू-भाग पर बसा है। यहां की आबादी मात्र 11,478 है।

नाउरू

दुनिया के सबसे छोटे गणराज्य नाउरू का क्षेत्रफल केवल 21 वर्ग किलोमीटर है। यहां की जनसंख्या लगभग 12,884 है। आर्थिक चुनौतियों और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के कारण यहां की जनसंख्या इतनी कम है।

क्यों मनाया जाता है विश्व जनसंख्या दिवस

साल 1989 में संयुक्त राष्ट्र ने विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दिन की शुरुआत तब हुई जब 11 जुलाई 1987 को विश्व की आबादी 5 अरब से ज्यादा हो गई थी। इसका सुझाव डॉक्टर केसी जैक्रियाह ने दिया था। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने 1989 में इस दिन की स्थापना की, और पहला विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई 1990 को मनाया गया था।

मनाने का उदेश्य

वर्तमान में दुनिया की जनसंख्या 8 अरब से अधिक है। विश्व जनसंख्या दिवस इसे बढ़ती जनसंख्या, विकास और पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मनाया जाता है। जनसंख्या बढ़ने के साथ, इसके सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों को लेकर ज्यादा चर्चा हो रही है, और लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाता है। इस दिन पर लोगों को लैंगिक समानता, प्रजनन स्वास्थ्य, और परिवार नियोजन के महत्व के बारे में शिक्षा दी जाती है।




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