चुनाव डेस्क। मध्य प्रदेश में लम्बे समय से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस के लिए सत्ता वापसी की राह आसान नहीं है। एकजुट होकर चुनावी मैदान में भाजपा को टक्कर देना और सही प्रत्याशी का चयन पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। यही कारण है कि लगातार बैठकों के बाद भी अब तक कांग्रेस प्रत्याशी का एलान नहीं कर पाई है । पहली सूची के लिए लगभग 80 सीटों के नाम फाइनल कर लिए गए हैं, जिस पर अंतिम मुहर लगने के बाद घोषणा होगी।
कम वोटों से हारे हुए नेताओं को पार्टी एक और मौका देना चाहती है. वहीं वर्तमान विधायकों को भी फिर से मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन कुछ वर्तमान विधायकों के टिकट कटेंगे। सूत्रों के मुताबिक सर्वे में कमजोर, दलबदल, आपराधिक रिकॉर्ड और बड़े नेताओं की असहमति की वजह से कुछ विधायकों नाम पर मुहर नहीं लगी है, ऐसे 9 विधायकों के टिकट खतरे में हैं। पार्टी की ओर से विभिन्न स्तरो पर करवाए गए सर्वे में सामने आ रहा है कि ज्यादातर मौजूदा विधायकों की क्षेत्र में स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में पार्टी ऐन मौके पर कोई रिस्क नही लेना चाहती । खबर है इस बार उन नौ विधायकों की सीट भी खतरे में आ गई है जो मोदी लहर में जीते थे। पार्टी उन्हीं चेहरों पर दांव लगाना चाहती है जिनके जीतने की संभावना ज्यादा है। उम्रदराज नेताओं के बजाय पार्टी ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों को चुनाव में उतारने की तैयारी में है। प्रदेश के कई जिलों में जातिगत समीकऱण भी असर डाले हुए है, ऐसे में जिन विधायकों की परफोर्मेंस ठीक नहीं रही उनका टिकट कट सकता है। दरअसल, सर्वे में कमजोर, दलबदल, आपराधिक रिकॉर्ड और बड़े नेताओं की असहमति की वजह से नौ विधायकों के टिकट होल्ड कर दिए गए हैं। पार्टी द्वारा जतारा से विधायक दिनेश, जबेरा से विधायक ताप सिंह ,चितरंगी से सरस्वती सिंह, करैरा से विधायक शकुंतला खटीक, मउगंज से सुखेंद्र सिंह बन्ना, सिरोंज से गोवर्धन उपाध्याय, ब्यौहारी से रामपाल सिंह, बैहर से संजय उइके और बड़वानी से रमेश पटेल के नाम पर अब भी चर्चा की जा रही है। फिलहाल इनके नामों पर कोई सहमति नही बनी है। हालांकि ये पार्टी पर टिकट के लिए दबाव बनाए हुए है, और जीत का दम भर रहे है। पैनल में इनके नाम हैं लेकिन अभी तक इनको लेकर फैसला नहीं हो पाया है।
बड़वाह से पिछले चुनाव में कांग्रेस के बागी रहे सचिन बिल्ला के नाम पर विवाद गहरा गया है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है।
इस कारण से कट सकते है इनके टिकट
विधायक दिनेश अहिरवार-जतारा- जीत के बाद भाजपा में शामिल
विधायक प्रताप सिंह- जबेरा-सर्वे में स्थिति खराब
सरस्वती सिंह-चितरंगी- पैनल में नाम लेकिन टिकट पर संशय
विधायक शकुंतला खटीक- करैरा- विवादों में रही, सर्वे में रिपोर्ट खराब, विवादित बयान
विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना- मउगंज - आपराधिक रिकॉर्ड, सर्वे रिपोर्ट खराब
विधायक गोवर्धन उपाध्याय- सिरोंज-एज फैक्टर, नया चेहरा लाने की कवायद, जातिगत समीकरण
विधायक रामपाल सिंह- ब्यौहारी- सर्वे रिपोर्ट , नया चेहरा लाने की कवायद