मतदाताओं का अलग ही मिजाज जिसने साधा वही पहुंचा विधानसभा

भिण्ड विधानसभा क्षेत्र उम्मीदवार की जीत में शहर की रहती है अहम भूमिका

Update: 2018-08-14 07:05 GMT

अनिल शर्मा/भिण्ड। क्वारी व सिन्धु नदी की सीमाओं से लगा भिण्ड विधानसभा क्षेत्र का ग्रामीण इलाका काफी फैला हुआ है, यह क्षेत्र किसी एक पार्टी का गढ़ नहीं बन पाया है। पहले की अपेक्षाकृत विकास तो हुआ है, लेकिन जिला मुख्यालय की विधानसभा के अनुरूप उतना नहीं है। क्षेत्र के मतदाताओं का अलग ही मिजाज रहता है। वह किसी भी नेता को धरातल से आसमान और आसमान से धरातल पर लाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते, इसलिए क्षेत्र के नेता जनता से सीधे उलझने से कतराते हैं और उन्हें साधने का प्रयास करते हैं। यही वजह है कि अन्य विधानसभाओं की तुलना में भिंड के मतदाताओं का मूड अलग ही रहता है। जिसे प्रत्याशी ने यहां के मतदाता को साध लिया वह जीत का हकदार काफी हद तक हो जाता है।

1957 से लेकर अब तक कुल 13 विधानसभा चुनाव हुए हैं, यदि उपचुनाव भी जोड़ दें तो कुल 14 बार विधानसभा के लिए चुनाव हो चुके हैं, यह विधानसभा क्षेत्र लगातार किसी राजनीतिक दल या नेता का गढ़ नहीं रहा है। यहां के मतदाताओं ने बड़े से बड़े नेताओं के वजूद को मिटाने में देर नहीं की है। चाहे अपने समय के प्रभावशाली राजनेता रहे नरसिंह राव दीक्षित हो या फिर रघुवीर सिंह जैसे जमीनी नेता को भी पटकनी देने में देर नहीं की है, इस विधानसभा पर 1957 से आठ बार कांग्रेस काबिज रही है, जिसमें सर्वाधिक चार बार चौ. राकेश सिंह चुने गए हैं। इससे पूर्व दो बार लगातार नरसिंह राव दीक्षित चुने गए और प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। कुछ समय के लिए उदयभान सिंह कुशवाह भी मंत्री रहे हैं। यदि भाजपा की स्थिति पर गौर करें तो 1980 में गठन के साथ ही इस विधानसभा से चौ. दिलीप सिंह ने निर्वाचित होकर खाता खोल दिया था। उसके बाद भाजपा ने टिकट की बदली की तो सफलता हासिल नहीं हुई, लेकिन पुन: भाजपा की वापिसी जनता दल से आए डॉ. रामलखन सिंह कुशवाह ने 1993 में चुनाव जीतकर की। इसके बाद 2003 में नरेन्द्र सिंह कुशवाह चुनाव जीते, लेकिन 2008 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। 2013 में पुन: भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और नरेन्द्र सिंह वर्तमान में भाजपा के विधायक हैं। इस तरह 1980 के बाद से भाजपा के चार बार विधायक चुने जा चुके हैं।

नेताओं की राय

स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस शासनकाल में कई मंत्री रहे, लेकिन भिण्ड के विकास करने की सोच किसी की नहीं रही। मुझे जनता ने अपार स्नेह से दूसरी बार विधायक जिस विश्वास के साथ बनाया उस पर खरा उतरने का प्रयास किया है। ऐतिहासिक गौरी सरोबर पानी से लबालब भरी ही नहीं ब्ल्कि सौंदर्यीकृत की ओर अग्रसर है। यहां सुबह-शाम लोग पर्यटन की दृष्टि से घूमने आते हैं। शहर के लिए जो सीवर लाईन सपना थी, उसे साकार किया है और आज सीवर लाईन का काम तीव्र गति से चल रहा है। विधानसभा क्षेत्र के सभी गांव को पक्के पहुंच मार्ग से जोडऩे के साथ विद्यालय भवन निर्माण, विद्यालयों का उन्नयन व नवीन विद्यालय खोलने का काम मेरे कार्यकाल में सर्वाधिक हुआ है। आवागमन को सुगम बनाने के लिए पुल निर्माण कराए गए हैं, जिससे दूरियां कम हुई हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का काम भी गति पर है। जिला मुख्यालय को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य हुए हैं। स्वच्छता के मामले में जिला अस्पताल पहले नंबर पर है। नगरीय क्षेत्र में भी विभिन्न वार्डों में 293 सीसी रोड, पेवर ब्लाक की सड़के निर्मित कराई गई हैं। विधानसभा क्षेत्र में पेयजल हेतु 500 से अधिक हैण्डपंपों का खनन कराया गया है।

नरेन्द्र सिंह कुशवाह, विधायक, भिण्ड

भिण्ड विधानसभा क्षेत्र में विकस के मामले में नियति ठीक नहीं है, इसलिए नीति भी ठीक नहीं बन पा रही है। यहां जो विकास कार्य हुए उनके पीछे मंशा जनहित की नहीं वल्कि स्वयं के विकास की है। जितना विकास भाजपा सरकार ने किया है, उससे ज्यादा भ्रष्टाचार भी किया है। भिण्ड में भी जितने निर्माण कार्य हुए हैं उनकी गणुवत्ता से पता चल जाएगा। जिले का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट सीवर लाईन का घटिया काम हो रहा है। यह भविष्य में लोगों के लिए परेशानी का कारण बनेगा। यहां के सांसद, विधायक की यह नाकामी है कि मेडिकल कॉलेज भिण्ड से दतिया चला गया। अब सैनिक स्कूल भी मुरैना व ग्वालियर को फायदा पहुंचाने के लिए मालनपुर जा रहा है। मुख्यमंत्री की तरह उनके विधायक भी सिर्फ घोषणावीर हैं। यदि आगामी चुनाव में मुझे अवसर मिला तो मेरी पहली प्राथमिकता होगी भिण्ड में मेडिकल कॉलेज खुले व सैनिक स्कूल भी जिला मुख्यालय के नजदीक ही स्थापित हो। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर पैदा हों और जो भी विकास कार्य हों उनमें पूरी गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए।

संजीव सिंह कुशवाह, निकटतम प्रत्याशी, बसपा

सरकार द्वारा कराए गए कार्य

-क्षेत्र में डेढ़ हजार करोड़ से भी अधिक हुए निर्माण कार्य

-सीवेज परियोजना- 368 करोड़ 65 लाख

-अमृत जल योजना- 297 करोड़

-सात नवीन पुल निर्माण- 163 करोड 52 लाख

-11 नवीन विद्यालय निर्माण 576 करोड़

-विभिन्न भवन निर्माण 29 कारोड़ 14 लाख

-सीसी रोड निर्माण 32 करोड 60 लाख

-प्रधानमंत्री सड़क 32 करोड़ 49 लाख

मतदान केंद्र 295

कुल मतदाता 2,42,958

पुरुष मतदाता 1,36,050

महिला मतदाता 1,06,905

जातीय समीकरण

जातीय समीकरण के आधार पर नजर डालें तो यह विधानसभा क्षेत्र कछवाह ठाकुर बाहुल्य है। भिण्ड शहर को जोड़कर ब्राह्मणों की संख्या ठीक-ठाक है। अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग का भी बोट कम नहीं है, लेकिन इस वर्ग को अभी तक सफलता नहीं मिली है। यहां ब्राम्हण व राजावत ठाकुर ही अधिकांश समय विधायक चुने गए हैं, यदि अन्य से कोई सफल हुआ है तो वे एक मात्र नवीन चन्द्र भूता हैं। हालाकि जैन समाज भी अपनी ताकत दिखा चुका है। यहां सपा के उम्मीदवार रविसेन जैन को अच्छे मत मिल चुके हैं, लेकिन जीत से काफी दूर थे।

संभावित प्रत्याशी

भाजपा - नरेंद्रसिंह कुशवाह, चौ. राकेश सिंह, मिथलेश कुशवाह, कृष्णकांता तोमर।

कांग्रेस - डॉ. राधेश्याम शर्मा, डॉ. रमेश दुबे, विश्ववीरसिंह कुशवाह विस्से, रंजीतसिंह कुशवाह।

बसपा - डॉ. रामलखन सिंह, संजीवसिंह कुशवाह।

2013 चुनाव परिणाम

नरेन्द्र सिंह कुशवाह भाजपा 51,170

संजीव सिंह कुशवाह बसपा 45,177

डॉ. राधेश्याम शर्मा कांग्रेस 21,281

जीत का अंतर 5,993

अभी तक चुने गए विधायक

वर्ष नाम दल

1957 नरसिंह राव दीक्षित कांग्रेस

1962 नरसिंह राव दीक्षित कांग्रेस

1967 रघुवीर सिंह कुशवाह संसोपा

1972 नवीनचन्द्र भूता कांग्रेस

1977 ओमकुमारी कुशवाह जनता पार्टी

1980 चौ. दिलीप सिंह भाजपा

1985 उदयभानसिंह कुशवाह कांग्रेस

1990 चौ. राकेश सिंह कांग्रेस

1993 डॉ. रामलखन सिंह भाजपा

1998 चौ. राकेश सिंह कांग्रेस

2003 नरेन्द्र सिंह कुुशवाह भाजपा

2008 चौ. राकेश सिंह कांग्रेस

2013 नरेन्द्र सिंह कुशवाह भाजपा 

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