भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य में गुरुवार को एक और नई पार्टी भारतीय सामाजिक एकता पार्टी (बीएसएई) सामने आई है। यह पार्टी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसकी घोषणा गुरुवार को भोपाल में पार्टी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत मुरलीधर बुधले ने एक प्रेस वार्ता में की। साथ ही उन्होंने पार्टी का घोषणा पत्र भी जारी कर दिया है।
राजधानी भोपाल के जहांनुमा पैलेस होटल में गुरुवार को हुई प्रेस वार्ता में पार्टी के संस्थापक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीकांत मुरलीधर बुधले ने बताया कि भारतीय सामाजिक एकता पार्टी का गठन 26 जून 2017 को किया गया और 07 मार्च 2018 को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इसे पंजीकृत किया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशवंत गोविन्द देव हैं, जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद अहमद खान और दिलीप विश्वनाथ तपके हैं। इसके अलावा नरेन्द्र प्रसाद द्विवेदी राष्ट्रीय महासचिव और राजेश मुरलीधर बुधले पार्टी में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीएसईपी पहली बार मध्यप्रदेश में चुनाव लडऩे जा रही है और प्रदेश की सभी 230 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए जाएंगे। इसकी पिछले दो साल से तैयारी चल रही थी और अब तक 50 प्रतिशत तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी आगामी आठ नवम्बर को सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।
बता दें कि मध्यप्रदेश में शुक्रवार, 2 नवम्बर को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होगी और इसके साथ नाम निर्देशन पत्र जमा होने का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो आगामी 09 नवम्बर तक जारी रहेगा। इसमें भी दो दिन रविवार और दीपावली की छुट्टी रहेगी। ऐसे में आठ नवम्बर को पार्टी उम्मीदवार घोषित कर अंतिम दिन नामांकन दाखिल करेगी।
पार्टी के संस्थापक बुधले ने बताया कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में पार्टी दो मुद्दों को लेकर मैदान में उतरेगी, जिसको उन्होंने घोषणा पत्र में जगह दी है। ये मुद्दे हैं किसानों को कैसे समृद्ध बनाया जाए और बेरोजगारी की समस्या कैसे हल की जाए। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में दोनों समस्याओं को लेकर पार्टी ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। अगर पार्टी सत्ता में आती है, तो अपनी नीतियां बनाएगी और दोनों समस्याओं का समाधान करेगी। आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पार्टी न तो आरक्षण के समर्थन है और न विरोध में। आरक्षण को समाप्त होने में लम्बा समय लगेगा। जब तक बीपीएल परिवारों को सुदृढ़ नहीं किया जाएगा, तब तक आरक्षण लागू रहना चाहिए। एट्रोसिटी एक्ट को लेकर भी उनकी पार्टी का कोई स्टेंट नहीं है।