सक्रिय हुए सटोरिए, मप्र व छत्तीसगढ़ में भाजपा पर दांव, राजस्थान में कांग्रेस पर भाव

भाजपा को अधिक दे रहे तबज्जें

Update: 2018-11-01 06:41 GMT

चुनाव डेस्क/राजलखन सिंह विधानसभा चुनाव का बिगुल बच चुका है और पार्टियां चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं। पार्टियों को प्रत्याशी घोषित करने में पसीने छूट रहे हैं। जैसे-जैसे मतदान की तारीखें नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे सटोरिए भी ऐक्टिव होते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में किसकी बनेगी सरकार इस पर बाजार में सट्टा लगना शुरू हो चुका है। सटोरियों का मानना है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा फिर से जीत सकती है। वहीं राजस्थान में कांग्रेस की वापसी हो सकती है।

क्रिकेट की तरह अब चुनावों में भी सट्टेबाजी होने लगी है। इस विधानसभा चुनाव में भी सटोरिए रुचि दिखा रहे हैं। अभी पार्टियां आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों के चयन को लेकर माथापच्ची कर रही हैं। उधर दूसरी तरफ सट्टेबाज भी सक्रिय हो गए हैं।

अगर सट्टा बाजार के ट्रेंड की बात करें मप्र और छत्तीसगढ़ के लिए भाजपा पर लग रहे रेट ये संकेत दे रहे हैं कि पार्टी तमाम मुश्किलों के बाद भी वापसी कर सकती है। सट्टेबाजों के अनुसार, अगर कोई शख्स भाजपा पर 10 हजार रुपए लगाता है और अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो उसे 11 हजार रुपए मिलेंगे। वहीं अगर कांग्रेस पर कोई 4,400 रुपए लगाता है

और अगर कांग्रेस की सत्ता में लौटती है तो उसे 10 हजार रुपए मिलेंगे। मतलब साफ है कि कांग्रेस

पर सट्टा लगाने वालों को ज्यादा फायदा मिल सकता है, लेकिन सट्टेबाजों का मानना है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी मुश्किल लग रही है। भाजपा पर सट्टा लगाने वालों का प्रॉफिट मार्जिन कम है, क्योंकि सट्टेबाजों का मानना है कि भाजपा पर ज्यादा लोग सट्टा लगाएंगे।

एक बुकी ने बताया, हमें उम्मीद है कि भाजपा मप्र में फिर जीत दर्ज करेगी, जबकि कांग्रेस की उम्मीद कम है। भाजपा छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर सकती है, जबकि कांग्रेस राजस्थान में वापसी कर सकती है। टिकट के बंटवारे के बाद सट्टा के रेट में अंतर आ सकता है। लेकिन इस ट्रेंड के बदलने की उम्मीद मुझे कम है। बता दें कि हर चुनाव में करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है। फोन, वेबसाइट और ऑनलाइन मोबाइल अप्लीकेशन के जरिए सट्टा लगते हैं। इसके कारण पुलिस के लिए इस रैकिट को पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।

गुजरात चुनाव पर लगा था 1000 करोड़ का सट्टा

2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब एक हजार करोड़ रुपए का सट्टा लगा था। सट्टेबाजों ने सबसे अधिक भाजपा की जीत पर दांव लगाया था। सट्टेबाजी की दुनियां में गुजरात में इस बार भाजपा को 118 से 120 तथा कांग्रेस को 80 सीट तक मिलने का अनुमान जताया था। जो काफी हद तक सट्टेबाजों का अनुमान कारगर रहा। भाजपा को 99 तो कांग्रेस को 77 सीटों पर जीत मिली।

सक्रिय हुई पुलिस निशाने पर सट्टेबाज

चुनाव में सट्टे को लेकर पुलिस व खासकर क्राइम ब्रांच सक्रिय हो गई है। पिछले दिनों डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने कहा था कि पुलिस सट्टेबाजी में शामिल लोगों के खिलाफ स्पेशल अभियान चला रही है। क्राइम ब्रांच ने अपने खबरियों को ऐक्टिव कर दिया है। राज्य की साइबर सेल ऐसी वेबसाइटों पर नजर रख रही है। ऐसे किसी भी गतिविधि के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो आईटी एक्ट के दायरे में आता है।

अंचल में प्रत्याशियों पर दांव

ग्वालियर के सट्टेबाजों के अनुसार वह अंचल में पार्टी को कम बल्कि प्रत्याशियों को अधिक महत्व दे रहे हैं। प्रत्याशी चयन में भी सट्टेबाजों ने दांव लगाए हैं। साथ ही अंचल से कौन से पार्टी कितनी सीटें जीतेंगी इसे लेकर भी भाव लगे हैं। सबसे अधिक भाजपा पर दांव लगा है। सटोरिए की मानें तो भाजपा इस बार भी कांग्रेस से अधिक सीट जीत सकती है। अंचल में सटोरियों ने बसपा पर भी भाव लगाया है।

ऑनलाइन सट्टेबाजी का बढ़ा क्रेज

अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन सट्टा रैकिट को पकडऩा मुश्किल होता है क्योंकि यह एक जगह से दूसरे जगह मूव करते रहते हैं। ऑनलाइन सट्टेबाजी मूविंग कार, कैफे या शहर के पब्लिक प्लेस से भी संचालित किया जा सकता है। प्रदेश में हर रोज सट्टेबाजी से संबंधित एक सैकड़ा मामले दर्ज हो रहे हैं। सट्टा बाजार में अभी क्रिकेट से ज्यादा चुनाव को लेकर क्रेज है। सट्टेबाज दोनों प्रमुख पार्टियों को अधिक महत्व दे रहे हैं। अभी तो यह शुरुआत चरण हैं, जैसे-जैसे प्रत्याशी घोषित होने के बाद नामांकन की शुरुआत होगी वैसे-वैसे दलों का भाव बढ़ेगा। 

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