महिलाओं को कांग्रेस से जोडने बनाई विशेष रणनीति
इस बार महिलाओं के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी करेगी कांग्रेस
भोपाल। चुनावी वर्ष में प्रदेश कांग्रेस आधी आबादी यानी महिलाओ पर विशेष फोकस करने जा रही है यही कारण है कि इस बार महिलाओ को कांग्रेस से जोडऩे के लिए विशेष रणनीति बनाई है। रणनीति के चलते महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओ को घर घर जाकर न केवल महिलाओ को पार्टी से जोडऩे काम काम सौपा जायेगा साथ ही पार्टी इस बार महिलाओ के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी करेगी।
कांग्रेस का मानना है कि यदि परिवार की एक महिला सदस्य पार्टी के पक्ष में काम करती है तो अन्य सदस्यों को भी जोड़ सकती है, इसलिए महिलाओं को डोर-टू-डोर कैम्पेन की जिम्मेदारी सौपी गई है। विधानसभा चुनाव के लिए महिलाओं के लिए अलग से घोषणा पत्र भी होगा।इसमें महिलाओं के लिए घोषणाएं शामिल होंगी। हाल ही में भोपाल में महिला सम्मेलन के जरिए पार्टी ने महिलाओं से सुझाव भी लिए थे। समिति प्रदेश के अन्य इलाकों से भी सुझाव ले रही है।
भाजपा से लिया सबक
कांग्रेस ने महिलाओ पर विशेष ध्यान देने की रणनीति भाजपा में महिलाओ की सफलता को देखते हुए लिया है । भाजपा ने 2013 में 28 महिलाओ को टिकट दी थी में से 22 महिलाएं चुनाव जीती थीं। यानी कि जीत का प्रतिशत 78 फीसदी था। उपचुनाव में भी भाजपा की महिलाओं ने जीत का सिलसिला जारी रखा। गायत्री राजे पंवार और मंजू राजेंद्र दादू जीतकर विधानसभा पहुंचीं। फिलहाल भाजपा की 24 महिला विधायक हैं।
महिला कांग्रेस को मिली नई पहचान
चुनावी साल में महिला कांगे्रस को नई पहचान मिली है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत दिनो राष्ट्रीय महिला कांग्रेस का झंडा और चिन्ह (लोगो) जारी किया है। अभी तक महिला कांगे्रस अपने कार्यक्रमों में पार्टी के झंडे और चिन्ह का इस्तेमाल करती थी। जबकि, पार्टी की अन्य विंग के पास अपने-अपने चिन्ह हैं। इसमें सेवादल, युवा कांग्रेस, एनएसयूआइ सहित अन्य विंग शामिल हैं, लेकिन महिला कांग्रेस के पास अपना कोई चिन्ह नहीं होने से पार्टी पर लगातार दबाव था, इसलिए अब इनको भी चिन्ह दिया है।