भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा इसी सप्ताह!

अब बारी संगठन की, कार्यकारणी लगभग तैयार

Update: 2020-07-28 19:35 GMT

भोपाल, विशेष संवाददाता। मप्र की नवगठित भाजपा सरकार में पहले मंत्रिमण्डल विस्तार को लेकर और बाद में मंत्रियों को विभागों के वितरण को लेकर जारी असमंजस समाप्त हो गया है। अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की कार्यकारिणी का गठन भी जल्द होने वाला है। श्री शर्मा ने कार्यकारिणी को लेकर संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ कई दौर की बातचीत के बाद नाम तय किए है जो स्वयं संगठन के कुशल पारखी है। साथ ही श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा संगठन के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे एवं केंद्रीय नेतृत्व से भी विचार विमर्श किया है। सूत्रों के अनुसार इसी एक सप्ताह के अंदर प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा अपनी कार्यकारिणी की घोषणा कर सकते हैं। कार्यकारिणी पर सभी की उत्सुकता से पेनी निगाह हैं कारण यह पांच साल बाद आ रही है और इसमें संभावना है कि भविष्य की भाजपा की छवि भी दिखाई दे। उलीखनीय है कि चुनाव एवं अन्य कई राजनीतिक कारणों के चलते नंद कुमार सिंह चौहान एवं राकेश सिंह ने पुरानी ही कार्यकारिणी से संगठन को आगे बढ़ाने का प्रयास किया था।

लिखना प्रासंगिक होगा कि विष्णुदत्त शर्मा को विगत 15 फरवरी को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। उस समय प्रदेश में कमलनाथ सरकार सत्ता में थी और तत्कालीन सरकार में चल रही आपसी खींचतान और बाद में सरकार गिर जाने के बाद प्रदेश में सरकार बनाने हेतु भाजपा नेताओं के सक्रिय हो जाने से कार्यकारिणी का गठन नहीं हो सका था। 20 मार्च को कमलनाथ सरकार गिरी और 23 मार्च को प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी, लेकिन इसी बीच कोरोना संक्रमण के चलते तालाबंदी लागू हो गई, इस कारण कार्यकारिणी फिर से अटक गई। सरकार गठन के बाद भाजपा के सामने नई सरकार में सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों के साथ मंत्रिमण्डल गठन की चुनौती आ गई, पहले 21 अप्रैल को पांच मंत्रियों के साथ मंत्रिमण्डल का गठन तथा दूसरी बार में 2 जुलाई को 28 अन्य मंत्रियों के साथ मंत्रिमण्डल का विस्तार किया। भाजपा में उलझनें यहीं खत्म नहीं हुईं, अगली उलझन मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर भी शुरू हो गई। अंतत: 10 दिन बाद 12 जुलाई को मंत्रियों को विभागों का वितरण हो सका। सरकार के स्तर की सभी उलझनें फिलहाल सुलझ चुकी हैं, इस कारण अब प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की तैयारी शुरू हो गई हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की इसी सप्ताह कार्यकारिणी घोषित करने की तैयारी है। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कोरोना पॉजीटिव आ जाने से इसकी तिथि प्रभावित भी हो सकती है।

सिंधिया समर्थक भी बनेंगे पदाधिकारी

भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने के लिए कई पुराने कार्यकर्ता संगठन में अलग-अलग जगह से शिफारिश लगवा चुके हैं, लेकिन यह तय है कि वरिष्ठ नेतृत्व के अनुमोदन के बाद कागजों पर तय हो चुकी कार्यकारिणी में युवाओं की संख्या लगभग आधी रहेगी। कई वह युवा कार्यकर्ता होंगे, जिन्होंने प्रदेशाध्यक्ष श्री शर्मा के साथ विद्यार्थी परिषद में रहते संगठन की मजबूती के लिए अच्छा काम किया है। इसके अलावा कार्यकारिणी में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों के साथ कांग्रेस छोडक़र आए वरिष्ठ नेताओं को भी सम्मानजनक स्थान दिया जाएगा। लगभग 20 प्रतिशत पुराने अनुभवी चेहरे होंगे, साथ ही महिलाओं और आरक्षित वर्गों का भी कार्यकारिणी में विशेष ध्यान रखा जाएगा। कार्यकारिणी में क्षेत्रीय संतुलन रहेगा, लेकिन आगामी उप चुनाव को देखते हुए ग्वालियर-चम्बल से मंत्री भी पर्याप्त लिए गए हैं, अब कार्यकरिणी में भी यह दोहराया जाएगा, इसकी संभावना थोड़ी कम है। । वहीं महाकौशल और विंध्य को भी महत्व दिया जा सकता है, कारण मंत्रिमंडल में पर्याप्त स्थान नहीं मिल सका। चूंकि प्रदेशाध्यक्ष श्री शर्मा का संगठन में कार्यक्षेत्र विशेषकर बुंदेलखंड और मालवा भी रहा है। इसलिए यह तय है कि इन क्षेत्रों के भी युवा, कार्यकारिणी में दिखाई देंगे।

महामंत्री एक महिला, एक सिंधिया समर्थक!

भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में इस बार प्रदेश उपाध्यक्ष और मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जाने की चर्चाएं हैं। बताया जा रहा है कि इस बार कार्यकारिणी आधा सैकड़ा से अधिक प्रमुख पदाधिकारियों की होगी। कार्यकारिणी में एक महिला नेत्री का प्रदेश महामंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है, इनमें चार नेत्रियों के नाम चर्चाओं में हैं। चारों ही पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद जैसे पदों से हैं। वहीं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की अनुशंसा पर भी महामंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर उनके समर्थक कार्यकर्ता की नियुक्ति संभावित है। एक वर्तमान प्रदेश महामंत्री फिर से इसी पद पर रहने की चर्चाएं हैं तो एक अन्य महामंत्री भी ग्वालियर चंबल से बनाए जाने की चर्चा है।

पांच साल बाद पुनर्गठित होगी कार्यकारिणी

भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी का इससे पहले गठन वर्ष 2015 में तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने किया था। 16 अगस्त 2014 को प्रदेशाध्यक्ष बने श्री चौहान के दूसरे कार्यकाल में भी आंशिक परिवर्तन कर पुरानी कार्यकारिणी से ही काम चलाया। 5 जून 2018 को प्रदेशाध्यक्ष बने सांसद राकेश सिंह ने भी अपनी कार्यकारिणी का पुनर्गठन नहीं किया। लेकिन 15 फरवरी 2020 को प्रदेशाध्यक्ष बने विष्णुदत्त शर्मा की कार्यकारिणी में इस बार बड़ा फेरबदल तय है। कुछ वर्तमान पदाधिकारियों के कार्यकारिणी में पद बदलेंगे, तो कुछ को बाहर किया जाएगा। कार्यकारिणी में ज्यादातर चेहरे नए और युवा ही होंगे। और कुछ नाम चोकाने वाले भी हो सकते हैं जिन्होंने अपनी जवाबदारी बेहतर तरीके से निभाई है। साथ ही जातिगत संतुलन भी अधिकतम रहे इसका भी प्रयास है।

केन्द्रीय नेतृत्व की अपेक्षा नए चेहरे

भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व और स्वयं प्रदेशाध्यक्ष चाहते हैं कि कार्यकारिणी में नए व युवा चेहरे उभरकर सामने आएं, जिससे नेताओं की दूसरी पंक्ति तैयार हो सके। वहीं एक विचार यह भी चल रहा है कि विधायकों और सांसदों को पदाधिकारी न बनाया जाए, लेकिन इस मापदंड पर दिक्कत यह आ रही है कि जो विधायक मंत्रिमण्डल में शामिल नहीं हो सके हैं, उनका प्रदेश कार्यकारिणी में पदाधिकारी बनाए जाने का दबाव भी है।  

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