भोपाल: विदेशी निवेशकों से मिले 494 करोड़, समूह के सदस्यों ने निकाले, पीपुल्स समूह की 280 करोड़ की संपत्ति कुर्क…

Update: 2024-12-14 06:52 GMT

भोपाल, मध्य स्वदेश संवाददाता। काले धन को सफेद बनाने (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पीपुल्स समूह की 280 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया है। समूह को विदेशी निवेशकों से 494 करोड़ का निवेश मिला था। निवेश की इस राशि को समूह के सदस्यों ने निकालकर खर्च कर दिया था।

प्रवर्तन निदेशालय को रजिस्ट्रॉर ऑफ कंपनीज, कार्पोरेट कार्य मंत्रालय, ग्वालियर से पीपुल्स ग्रुप के बारे में शिकायतें मिली थीं। इनकी जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए पीपुल्स ग्रुप की संपत्ति को अटैच किया है।

ग्रुप की जिन कंपनियों की संपत्ति को अटैच किया गया है, उनमें पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य कंपनियां शामिल हैं। ईडी की टीम को जांच में पता चला कि समूह के सदस्यों ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की राशि का उपयोग कर खुद को समृद्ध किया है।

इसके लिए संदिग्ध तरीकों और साधनों का उपयोग किया, जिससे 3 कंपनियों के शेयरधारकों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

3 कंपनियों को मिला 494 करोड़ का विदेशी निवेश

पीपुल्स समूह की कंपनी पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत 494 करोड़ रुपए राशि मिली थी। 2000-2011 के दौरान पीपुल्स समूह ने इस राशि को निकाल लिया था।

इसके अलावा ऋण, सुरक्षा जमा राशि एवं अग्रिम राशि भी वर्ष 2000 से 2022 के दौरान निकाली गई। इसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने पहले 230.4 करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से एक नवंबर 2023 को कुर्क की थी। इसमें समूह की भूमि, भवन और मशीनरी, कॉलेज, स्कूल, प्रशिक्षण केंद्र, पेपर मिल, अखबारी कागज, मशीनरी शामिल थे।

  • कुर्की में स्वामित्व और शेयर की संपत्ति शामिल
  • पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड।
  • पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड।
  • पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड।
  • भोपाल में एक आवासीय संपत्ति और विभिन्न बैंक खाते।
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