मध्यप्रदेश: फर्जी समूह बनाकर हुआ घोटाला, केन्द्रीय मंत्री बोले प्राथमिकी दर्ज कराएंगे, ऑर्गनिक कॉटन के प्रमाणीकरण में हुई गड़बड़ी...
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह द्वारा 4 माह पहले 27 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय वाणिज्य-उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाकर घोटाला करने का मामला उठाया गया था।
शिकायत की जांच के बाद केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल ने गड़बड़ी स्वीकार करते हुए दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही है।
इस मामले में एक प्रमाणन निकाय को राष्ट्रीय जैविक उत्पाद कार्यक्रम के विनियमन प्रमाणन प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन के आधार पर एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है। कुछ अन्य प्रमाणन निकायों पर भी कार्रवाई की जा रही है। इस उत्पादक समूह का एनपीओपी के तहत पंजीयन रद्द कर दिया गया है।
केन्द्रीय मंत्री ने दिया पत्र का जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पत्र के जवाब में केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जवाबी पत्र लिखकर इस मामले में मंत्रालय द्वारा कार्रवाई जारी रखने की बात कही। केन्द्रीय मंत्री श्री गोयल ने आगे लिखा कि इस कार्रवाई के अलावा विभाग ने इस मामले को इंदौर के पुलिस आयुक्त, धार एसपी के सामने भी उठाया और मामले पर संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है।
मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस मामले में उचित कार्रवाई जारी रखेगा।
ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के बने फर्जी समूह
शिकायत में दिग्विजय सिंह ने बताया था कि निमाड़ अंचल में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाए गए हैं। इनमें ऐसे गांवों के किसानों के नाम हैं जो न तो ऑर्गेनिक कॉटन का और न ही साधारण बीटी कॉटन का उत्पादन करते हैं।
बगैर सत्यापन के ऑर्गेनिक उत्पादन के प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। श्री सिंह ने लिखा था कि यह घोटाला भले ही मध्य प्रदेश से उजागर हुआ हो, लेकिन इसकी जड़ें पूरे देश में फैली हुई हैं। प्रधानमंत्री जी देश भर में ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रमाण पत्र देने का काम कर रहे हैं। सभी सर्टिफिकेशन बॉडीज की ओर से जारी सर्टिफिकेट की निष्पक्ष जांच करवाएं।