कोर्ट ने आतंकियों को रिमांड पर सौंपा, ATS उगलवाएगी कई राज
एटीएस चारों से उनके नेटवर्किंग और अन्य जानकारी के लिए करेगी पूछताछ
भोपाल। राजधानी भोपाल में रविवार को पकड़े गए प्रतिबंधित संगठन जमात उल मुजाहिदीन (जेएमबी) के चारों आतंकवादियों को एटीएस ने सोमवार को विशेष न्यायाधीश रघुवीर प्रसाद पटेल की कोर्ट में पेश किया। काेर्ट ने एटीएस की मांग पर चारों आतंकियों को 14 दिन की रिमांड पर दे दिया है। अब एटीएस 28 मार्च तक चारों आतंकियों से उनकी नेटवर्किंग को लेकर पूछताछ करेगी।
एटीएस के अभियोजक अधिकारी नितेंद्र शर्मा ने बताया कि एटीएस की 20 सदस्यीय टीम ने रविवार को तड़के करीब 3.30 बजे ऐशबाग और करोंद इलाके के दो मकानों में दबिश देकर चारों आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये बांग्लादेशी आतंकियों की स्लीपर सेल का काम कर रहे थे। उनके पास बड़ी मात्रा में जिहादी साहित्य और आतंकी गतिविधियों से जुड़ा सामान मिला है। भोपाल में रहकर आतंकी ऊपर से आदेश मिलने के इंतजार में थे। शर्मा ने बताया कि चारों आतंकियों को सोमवार को विशेष न्यायालय में पेश किया गया। गिरफ्तारी के दौरान जब्त किए गए फर्जी दस्तावेजों और अन्य दस्तावेजों के अलावा आतंकियों की नेटवर्किंग को लेकर पूछताछ की जानी है, इसलिए एटीएस ने कोर्ट से चारों को रिमांड पर मांगा था। काेर्ट ने चारों को 28 मार्च तक के लिए उन्हें रिमांड पर सौंपा है।
फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए -
उन्होंने बताया कि आतंकियों ने पूछताछ में फर्जी दस्तावेज उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से बनाए जाने की जानकारी दी है। अब इसके आधार पर उन लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है, जिनके माध्यम से यह फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि आतंकियों से बरामद किया गया जिहादी साहित्य भोपाल के निशातपुरा क्षेत्र में भी बांटा गया है। रिमांड के दौरान उनसे यह जानकारी भी हासिल की जाएगी कि वह निशातपुरा के अलावा भोपाल के किन-किन इलाकों में सक्रिय रहे हैं और उनसे कौन-कौन लोग जुड़े हैं।
ये है आतंकी -
पकड़े गए आतंकियों में फजहर अली उर्फ मेहमूद (32) पुत्र अशरफ इस्लाम, मोहम्मद अकील उर्फ अहमद (24) पुत्र नूर अहमद शेख, जहूरउद्दीन उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली (28) पुत्र शाहिद पठान और फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पुत्र अब्दुल रहमान के रूप में हुई है।बताया गया है कि ये आतंकी करीब डेढ़ साल से भोपाल में रह रहे थे। वह सिर्फ नमाज के लिए कमरे से बाहर निकलते थे। वह किसी से मिलते-जुलते भी नहीं थे और न ही किसी से बातचीत करते थे। वे यहां स्लीपर सेल के रूप में रह रहे थे। एटीएस की मानें तो ये लोग बड़ी साजिश को अंजाम देने के इरादे से यहां ठहरे थे। आतंकियों के पास से जिहादी साहित्य, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं। एटीएस ऐशबाग में आतंकियों को मकान दिलवाने वाले मैकेनिक सलमान से भी पूछताछ कर रही है। एटीएस को सलमान के भी जेएमबी की गतिविधियों में मदद करने का अंदेशा है।