मप्र में बंद का दिखा मिलाजुला असर, ग्वालियर सहित कई जिलों में खुली छोटी दुकानें
भोपाल। जीएसटी के नियमों में बदलाव की मांग को लेकर कैट द्वारा बुलाये गए देशव्यापी बन्द का प्रदेश में मिलाजुला असर नजर आया। प्रदेश के अधिकांश जिलों में छोटे व्यापारियों ने इसका समर्थन नहीं किया और सुबह से अपनी दुकानें खोले नजर आये। हालांकि बड़े सभी बाजार बंद रहे।
राजधानी भोपाल के थोक किराना बाजार जुमेराती में सुबह से ही इसका असर दिखाई दिया। यहां सभी व्यापारियों ने अपनी दुकानें नहीं खोलीं। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि हम चाहते हैं कि जीएसटी के कुछ प्रावधानों में बदलाव हो। यह बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा। हम सडक़ पर ना तो निकलेंगे और न ही दुकानें आदि खोलेंगे। भोपाल में नए शहर स्थति व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रख गए, लेकिन पुराने भोपाल में दाल-दलहन के व्यापारी इस बंद में शामिल नहीं हैं।
इंदौर में आधी मार्केट खुली -
इधर, इंदौर में भी शहर के आधे बाजार बंद रहे, जबकि आधे व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले। इंदौर के मुख्य व्यापारिक संगठन अहिल्या चैंबर इस बंद में शामिल नहीं है। इस संगठन ने अपने सभी व्यापारियों से कहा है कि वे अपना पूरा काम सामान्य दिनों की तरह ही करते रहें। चैंबर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि बंद करने से तो हम व्यापारियों का ही नुकसान होता है। जीएसटी में किए जा रहे बदलाव और उसकी जटिलता का विरोध हम भी कर रहे हैं। केंद्र सरकार को इसके लिए पत्र भी लिखा है, लेकिन बंद में हम शामिल नहीं हैं।
ग्वालियर में बड़े बाजार बंद -
ग्वालियर में भी बंद का असर नजर आया। दालबाजार, महाराज बाड़ा, लोहिया बाजार, नया बाजार सहित सभी बड़े बाजार बंद है। कुछ जगहों पर छोटे व्यापरियों ने सुबह के समय दुकानें खोली लेकिन दोपहर तक वे भी बंद हो गई।
बस ऑपरेटरों की हड़ताल -
इधर, मध्यप्रदेश में बस आपरेटर संघ ने भी किराया बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की थी, लेकिन एक दिन पहले ही यानी गुरुवार को परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ने घोषणा कर दी कि मार्च के महीने में बसों का किराया बढ़ा दिया जाएगा। इसके बाद बस आपरेटरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली थी। इसलिए शुक्रवार को बसों का संचालन भी जारी रहा।