पिछले साल मप्र में घटे दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामले: बाल अधिकार आयोग की राज्य स्तरीय कार्यशाला में शामिल हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव, बोले…

Update: 2025-03-03 15:11 GMT

भोपाल, विशेष संवाददाता। वर्ष 2024 में मप्र में महिलाओं-बच्चों से दुष्कर्म, छेड़छाड़ जैसे मामले घटे हैं। मप्र ही वो राज्य था जिसने महिलाओं व खासकर बच्चों के प्रति इस प्रकार के अपराधों में मृत्युदंड का प्रावधान किया है।

2018 से 2024 के बीच देखें तो सरकार की सख्ती दिखाई देती है। यही कारण है कि लगभग 48 ऐसे मामलों में न्यायालय ने मृत्युदंड का निर्णय दिया। समाज में बच्चे, किशोर, बालिकाएं अगर सुरक्षित हैं तभी भारत का भविष्य सुरक्षित है।

यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग की राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही।

अन्याय के खिलाफ सरकार और समाज मिलकर जागृति लाएं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि महिलाओं, बालिकाओं के प्रति होने वाले अन्याय के खिलाफ सरकार और समाज मिलकर जागृति लाएं। बाल आयोग जो बताएगा हम उसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं, भगवान श्री राम और विश्वामित्र के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि समाज में उठने वाले सवालों के समाधान का रास्ता कैसे मिलता है, ये रामायण हमें बताती है।

कार्यशाला में महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया, बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष द्रविंद्र मोरे, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, महिला बाल विकास विभाग के डीपीओ, जनजातीय विभाग के अपर आयुक्त और बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष व सदस्य, किशोर न्याय मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।

बच्चों के अधिकारों का संरक्षण करे आयोग: मंत्री

महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि बच्चों को न्याय दिलाने के लिए जिन्हें जिम्मेदारी दी गई है, मैं उनसे कहना चाहती हूं कि समाजसेवा का अवसर बार-बार नहीं मिलता। अपनी पूरी सजगता से बच्चों का संरक्षण हो ये ध्यान रखें।

अनाथ बच्चा कहां जाएगा उसका पुनर्वास कहां होगा? ये अधिकार आप लोगों के पास है । इस अधिकार से बच्चों के अधिकार संरक्षण का काम करें।

12वीं तक नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा की मांग

कार्यशाला में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष देवेन्द्र मोरे ने सरकार से मांग की कि ‘नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिनियम के तहत बच्चों को अभी कक्षा 8वीं तक लाभ दिया जाता है, लेकिन इसके दायरे को बढ़ाकर कक्षा 12 वीं तक किया जाना चाहिए। इससे कक्षा 8वीं के बाद बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस मांग पर कहा कि जो मुद्दा आपने उठाया है, उसे मंत्री निर्मला भूरिया के पास भेज दें, जिससे आगे सरकार विचार करेगी।

शराब नहीं दूध की दुकानें खुलनी चाहिए

कुबेरेश्वर धाम में सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव का आज समापन हुआ। समापन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पहुंचे। उन्होंने मंच पर पहुंचकर पंडित प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लिया। फिर श्रद्धालुओं को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा- ‘मैं कहना चाहता हूं कि कुपोषण महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं से नहीं बल्कि गाय पालन से दूर होगा। मेरा मानना है कि शराब की दुकानों की जगह दूध की दुकानें खोली जानी चाहिए। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्य की बात है कि शिप्रा नदी बरसाती नदी है और मार्च के महीने में ही सूख जाती है। लेकिन मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगला सिंहस्थ जब होगा, तो हम ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं कि लोग शिप्रा के पानी में ही स्नान करेंगे।’ 

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