हमीदिया हादसे पर मुख्यमंत्री शिवराज नाराज, कहा - सभी अस्पतालों का होगा सेफ्टी ऑडिट
भोपाल।हमीदिया कैम्पस में स्थित कमला नेहरू अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में सोमवार रात को हुआ हादसा वार्मर फटने से हुआ था। हादसे की जांच में प्रारंभिक तौर पर यह पाया गया कि वार्मर फटने से ही आग लगी थी। वॉर्मर खराब हो गया था, लेकिन इस पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया। वॉर्मर यूनिट नवजातों को निमोनिया से बचाव के लिए हर बेड पर लगाई जाती है, हालांकि, इसको लेकर भी जांच हो रही है कि क्या विशेष नवजात शिशु इकाई में इलेक्ट्रिक वायरिंग में कोई फॉल्ट था?
हादसे के बाद पीडब्लूडी और पीआईयू के इंजीनियरों द्वारा की गई जांच में प्रारंभिक तौर पर घटना की वजह वार्मर फटना सामने आई है। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में डॉक्टर्स और नर्सों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चों को सुरक्षित निकाला। हालांकि, कुछ बच्चों को बचाया नहीं जा सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टाफ के जिन लोगों ने अपनी जान हथेली पर रखकर 36 बच्चों को सुरक्षित निकाला है, उनका सम्मान किया जाएगा। यह बहुत गंभीर घटना है और आपराधिक लापरवाही है। उन्होंने कहा कि दुर्घटना की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं, जो भी दोषी होगा, उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
घटना के बाद मंगलवार सुबह भोपाल कमिश्नर गुलशन बामरा ने दोपहर 12 बजे अस्पताल परिसर में अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें निर्णय लिया गया कि बच्चों के आईसीयू वार्ड को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। अभी हमीदिया ने तीसरी मंजिल को नवजात बच्चों के लिए लिया था। इसके साथ ही हमीदिया और कमला नेहरू अस्पताल के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अब सीपीए से लेकर लोक निर्माण विभाग को दी जाएगी। इस बैठक में अस्पताल प्रबंधन के अलावा पीडब्लूडी, सीपीए, नगर निगम के अधिकारी व इंजीनियर मौजूद रहे।