मप्र में व्यापमं के आरोपी डॉक्टरों ने खोले अस्पताल: दमोह घटना के बाद पड़ रहे ताबड़तोड़ छापे…
प्रदेश भर में 100 से ज्यादा दवाखाने कराए गए बंद, भोपाल ही में दो दर्जन से ज्यादा पकड़े, आधा दर्जन को नोटिस;

भोपाल। दमोह के मिशन अस्तपाल में फर्जी डॉक्टर की वजह से 7 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के निर्देश पर स्वास्थ्य अमले ने प्रदेश भर में स्वास्थ्य संस्थाओं पर ताबड़तोड़ छापे मारे हैं। जिसमें अभी तक 100 से ज्यादा अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र बिना पंजीयन के पकड़े गए हैं।
इन छापों के बीच एक यह जानकारी सामने आई है कि व्यापमं के आरोपी रहे डॉक्टरों ने भी अस्पताल खोल लिए हैं। इनमें से कुछ निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे सबसे ज्यादा मामले ग्वालियर-चंबल में सामने आए हैं। जबकि अन्य छोटे जिलों में भी व्यापमं के आरोपियों ने अपने दवाखाने खोले हैं।
राज्य शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य अमला प्रदेश भर में चिकित्सा व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों की डिग्री, चिकित्सा पद्धति, काउंसिल का पंजीयन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम, गुमास्ता लाइसेंस समेत अन्य बिंदुओं की जांच कर रहा है। राजधानी भोपाल में ही दो दर्जन से ज्यादा क्लीनिक, अस्पतालों पर छापा मारा गया है। इनमें से एक दर्जन को नोटिस जारी किया गया है। छापे के डर से कई क्लीनिक संचालकों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर दिए हैं।
व्यापमं के आरोपी कर रहे इलाज
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में कुछ प्रतिष्ठान ऐसे लोगों के भी हैं, जो व्यापमं के आरोपी रहे हैं। जिनमें से कुछ के खिलाफ अभी प्रकरण लंबित हैं। ऐसे लोगों ने सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के जिलों में अपने स्वास्थ्य प्रतिष्ठान खोले हैं। बुंदेलखंड के सागर एवं अन्य जिलों के अलावा जनजाति बाहुल्य एवं दूसरे छोटे जिलों में भी दवाखाने, अस्पताल खोले हैं।
विधानसभा सत्र के दौरान खुलासा
व्यापमं के आरोपियों द्वारा अस्पताल खोलने का मामला विधानसभा के बजट सत्र से पहले सामने आया था। तब भिंड जिले के गोहद से विधायक केशव देसाई ने ग्वालियर के एक अस्पताल संचालक पर सवाल पूछने के आरोप लगाते हुए अन्य आरोप लगाए थे।
इस मामले में पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अस्पताल संचालक को व्यापमं घोटाले का आरोपी बताते हुए एमएस की डिग्री पर भी सवाल उठाए थे। इस प्रकरण के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अन्य मामलों में भी पड़ताल की। जिसमें सामने आया कि व्यापमं के आरोपी एवं संदिग्ध रहे डॉक्टर अब मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसे ज्यादातर डॉक्टर निजी संस्थाओं में इलाज कर रहे हैं।
इन मेडिकल कॉलेजों के संचालक रहे हैं व्यापमं के आरोपी
व्यापमं घोटाले में प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों के संचालक भी आरोपी रहे हैं। इनमें भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर के इंडेक्ट मेडिकल कॉलेज और अरविंदो मेडिकल कॉलेज के अलावा देवास के अमलतास आयुर्वेदिक अस्पताल के संचालक व्यापमं के आरोपी रह चुके हैं। खास बात यह है कि कोरोना काल में राज्य सरकार ने इन्हीं मेडिकल कॉलेजों को कोविड सेंटर बनाया था और अरबों रुपए का भुगतान किया था। कोविड के समय भी इनके संचालक व्यापमं मामले में आरोपी थे।
इनका कहना है...
''सभी स्वास्थ्य संस्थाओं की जांच के आदेश दिए हैं। गड़बड़ी करने पर सख्त कार्रवाई होगी। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी जिलों से रिपोर्ट आने के बाद जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।'
- राजेन्द्र शुक्ल, स्वास्थ्य मंत्री, मप्र शासन