भोपाल।प्रदेश में जारी कोरोना संकट के बीच कॉलेज छात्रों के लिए रहत भरी खबर सामने आई है। प्रदेश सरकार ने छात्रों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रवेश देने का निर्णय लिया है। इसके लिए कॉलेज में उनके पिछले परफाॅर्मेंस को आधार बनाया जाएगा। इस फैसले से प्रदेश के करीब 20.19 लाख विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में तय हुआ कि यूजी फर्स्ट व सेकंड ईयर और पीजी सेकंड सेमेस्टर के छात्रों को उनके पिछले वर्ष या सेमेस्टरों के अंकों व आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। यूजी फाइनल ईयर व पीजी फोर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों को पिछले वर्षों या सेमेस्टर में से जिस परीक्षा में सर्वाघिक अंक मिले होंगे, उसके आधार पर रिजल्ट घोषित कि जाएगा। यदि कोई परीक्षा परिणाम सुधारना चाहता है, तो उसे परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा।
17 लाख 77 हजार स्टूडेंट्स को फायदा-स्कूल खोलने का निर्णय 31 जुलाई के बाद -
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शालाओं को खोलने के संबंध में 31 जुलाई को समीक्षा कर निर्णय लिया जाएगा। 12वीं कक्षा के ऐसे विद्यार्थी जो किसी कारणवश 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाए हैं उनके लिए एक बार फिर परीक्षा आयोजित होगी। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने बताया कि अगले हफ्ते से बच्चों को किताबों का वितरण कराने की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश में वर्तमान यूजी एवं पीजी के कुल 17 लाख 77 हजार स्टूडेंट्स है। जिन्हें इससे फायदा मिलेगा।
- बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में परीक्षार्थियों की कुल संख्या 3 लाख 47 हजार 554,
जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर में 2 लाख 63 हजार
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में एक लाख 83 हजार 37,
- रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में 2 लाख 25 हजार 197
- महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर में 01 लाख 52 हजार 230,
- देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय में 3 लाख 55 हजार 379,
- अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में एक लाख 97 हजार 901
- छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय में 54 हजार 697