MP : आरटीआई मामलों की सुनवाई वीडियो कॉल पर, व्हाट्सऐप पर आदेश

Update: 2020-06-02 09:14 GMT

भोपाल। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के मामलों में लोगों के आवागमन को कम करने के लिए नया प्रयोग करते हुए मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने पहली बार मोबाइल फोन के जरिए वीडियो कॉल पर लंबित मामलों की सुनवाई शुरू की है और सुने गए मामलों में आदेश भी दो घंटे के भीतर व्हाट्सऐप पर भेज रहे हैं। तिवारी ने मंगलवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया, 'मध्यप्रदेश में आरटीआई के करीब 7,000 मामले लंबित हैं और हर महीने औसतन 400 नयी अपील आती हैं।'

उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन के चलते दो महीने सुनवाई नहीं हो पाईं। यातायात के अब भी पूरी तरह बहाल होने के आसार नहीं हैं। लोगों में बाहर जाने का डर बाद में भी बना रहेगा। इसी वजह से आयोग ने इस नये प्रयोग की शुरुआत करते हुए पहली बार मोबाइल फोन के जरिए वीडियो कॉल पर लंबित मामलों की सुनवाई शुरू की है। इससे सुनवाई के लिए लंबी यात्रा का समय और खर्च दोनों ही बचाए जा सकते हैं।'

उन्होंने बताया, 'सोमवार को प्रयोग के तौर पर सुने गए मामलों के आदेश भी दो घंटे के भीतर व्हाट्सऐप पर भेजे गए। उमरिया के एक प्रकरण में तो आदेश पहुंचने के पहले ही आवेदक को जानकारी मिल गई।' उन्होंने कहा कि लोक सूचना अधिकारियों को यह हिदायत दी गई है कि जितना संभव हो आवागमन से बचने के लिए मामलों को फौरन निपटाएं। मांगी गई जानकारियां दें। आवेदकों से भी कहा गया है कि वे मांगी गई जानकारी लें, प्रकरणों को लंबा न खींचें।

तिवारी ने बताया कि आयोग में वीडियो कॉन्फ्रेंस की सीमित सुविधा को देखते हुए यह संभव नहीं था कि यह नियमित हो सके। इसलिए पहली बार मोबाइल पर वीडियो कॉल के जरिए दूर के दो जिलों उमरिया और शहडोल की लंबित अपीलों पर सुनवाई की गई।

उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देने वालों और उनके विभागों के लोक सूचना अधिकारियों को सबसे पहले इसके लिए तैयार किया गया। दोनों पक्षों की सहमति मिलने के बाद व्हाट्सऐप पर ही उन्हें सुनवाई का सूचना पत्र दिया गया। तिवारी ने बताया, 'सोमवार को पहले दो मामलों का सुनवाई के बाद निराकरण किया गया और इसका फैसला भी हाथों-हाथ व्हाट्सऐप के जरिए भेजा गया, जो उन्हें बाद में डाक से भी मिलेगा।' 

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