बगावत पर उतारू नेता, मान-मनौव्वल में जुटे दिग्गज

Update: 2019-03-31 17:29 GMT

भाजपा में ज्यादा सुनाई दे रहे बगावत के सुर

भोपाल/प्रशासनिक संवाददाता। लोकसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं ने अब बगावती सुर अपना लिए हैं। वे अब पाला बदलने की कवायद में भी जुटे हुए हैं। हालांकि ऐसे बगावत करने वाले नेताओं को मनाने के लिए दिग्गजों ने मोर्चा संभाल लिया है।

बगावत करके चुनाव मैदान में उतरने वाले नेता भाजपा में ज्यादा है। बगावत के कारण भाजपा ऐसे नेताओं को मनाने में भी जुटी हुई है। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इसका जिम्मा सौंपा है। दरअसल विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान बगावती नेताओं के कारण ही उठाना पड़ा था। पार्टी से बगावत करके मैदान में उतरे नेता विधानसभा चुनाव में जीत तो दर्ज नहीं करा सके, लेकिन भाजपा प्रत्याशियों को हराने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। भाजपा के हाथ से सरकार भी इन बगावती नेताओं के कारण ही गई, लेकिन इस बार पार्टी ने इन नेताओं को मनाने के लिए दिग्गज नेताओं को मोर्च पर लगाया है।

ये बने बगावती-

भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक अर्गल इस समय बगावत पर उतारू हैं। उनकी कांग्रेस में जाने की चर्चाएं भी हैं, लेकिन अब तक उन्होंने कांग्रेस ज्वाईन नहीं की है। अशोक अर्गल मुरैना लोकसभा सीट से चार बार सांसद चुने गए। एक बार वे भिंड से भी सांसद बने। अशोक अर्गल इस बार भी मुरैना लोकसभा सीट से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन यहां से पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मैदान में उतारा है। इसके बाद से अशोक अर्गल लगातार पार्टी नेताओं पर दबाव बना रहे हैं। इसी तरह शहडोल सांसद ज्ञान सिंह का टिकट कटने के बाद से उनके सुर भी बदले हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि फिलहाल शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मना लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा भी पार्टी में बुजुर्ग नेताओं की उपेक्षा कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी अन्य पार्टी में जाने की इच्छा जाहिर नहीं की है। बाबूलाल गौर ने भी बगावत का सुर छेड़ा था।  

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