मप्र में दिव्यांगों की भर्ती प्रक्रिया “विकलांग”: पिछले एक साल में एक भी दिव्यांग को नहीं दी सरकारी नौकरी, उच्च न्यायालय के आदेश के बाद विज्ञापन जारी करके भूले विभाग…

Update: 2025-02-12 14:32 GMT

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन दिव्यांगजनों के प्रति बेहद संवेदनशील है, लेकिन मप्र की नौकरशाही में दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता कतई दिखाई नहीं दे रही। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद भी पिछले एक साल में मप्र में विशेष भर्ती अभियान के तहत एक भी दिव्यांग को सरकारी नौकरी नहीं दी गई है।

जबकि मप्र उच्च न्यायालय मप्र सरकार को 30 जून 2024 तक बैकलॉग के रिक्त पदों पर दिव्यांगों को नौकरी देने के आदेश दे चुका है। उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार के करीब दो दर्जन विभागों ने बैकलॉग पदों पर विशेष भर्ती अभियान के तहत दिव्यांगों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की खानापूर्ति जरूर की, लेकिन इसके बाद किसी भी विभाग ने नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा नहीं किया।

जिन विभागों ने विज्ञापन जारी किये थे, उनमें से किसी ने मैरिट सूची नहीं बनाई, तो किसी ने साक्षात्कार नहीं लिया। किसी ने तो मैरिट सूची बनाने के बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं दिए। विभागों द्वारा बरती जा रही इस कोताही को लेकर राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ मप्र ने प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने उच्च न्यायालय की याचिका क्रमांक 7275/2019 के परिपालन में विभागों पर दिव्यांगों की विशेष भर्ती की मांग की है।

दिव्यांग भर्ती के लिए किस विभाग ने क्या किया

वित्त, राजस्व, खेल, श्रम, स्कूल शिक्षा, विधि एवं विधायी, आर्थिक संाख्यिकी, प्रवासी भारतीय, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, लोक परिसंपत्ति, आनंद एवं धार्मिक न्यास, वन, गृह, जनजातीय कार्य विभाग और परिवहन आदि विभागों ने दिव्यांग भर्ती के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला।

जबकि पशुपालन, पर्यटन, उद्योग, उच्च शिक्षा, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकीय, सामाजिक न्याय, सामान्य प्रशासन विभाग, कृषि, पंजीयक, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, खनिज, तकनीकी शिक्षा, लोनिवि, वाणिज्यिक कर, वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक, जल संसाधन विभाग, उद्यानिकी, पंचायत विभाग, आयुष, नगरीय प्रशासन आदि विभागों ने विज्ञापन जारी करने के बाद आगे की प्रक्रिया ही नहीं की। कुछ विभाग तो साक्षात्कार के बाद मैरिट सूची तक नहीं बना रहे हैं।

सामाजिक न्याय विभाग ने मांगी जानकारी

राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ की आपत्ति के बाद सामाजिक न्याय विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर दिव्यांग भर्ती के संबंध में जानकारी तलब की है। विभाग की उपसचिव अंकिता धाकरे ने उच्च न्यायालय के निर्देश का उल्लेख करते हुए विभाग प्रमुखों को पत्र लिखा है।

इनका कहना है

दिव्यांगों की भर्ती के नाम पर विभागों में खानापूर्ति की जा रही है। उच्च न्यायालय ने तीन महीने के भीतर भर्ती करने के आदेश दिए थे। लेकिन एक भी दिव्यांग को नियुक्ति नहीं दी है। अधिकारी दिव्यांग भर्ती को लेकर गंभीर नहीं है।

- हीरालाल बघेल

महासचिव, राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ

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