पंचायतों को मिला विकास और कोविड नियंत्रण का जिम्मा, मुख्यमंत्री ने दिए वित्तीय अधिकार
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पंचायत राज संस्थाओं को कर्तव्यों और अधिकारों दोनों पर ध्यान देना है। प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों और निर्माण कार्यों को बिना बाधा के क्रियान्वित करने, जरूरतमंदों को रोजगारमूलक कार्यों से जोड़नें और हाल ही में कोविड की तीसरी लहर के प्रसार को रोकने में पंचायतों का पूर्ण उपयोग किया जाएगा। तीनों श्रेणियों की पंचायतों को इसके लिए आवश्यक प्रशासकीय अधिकार दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पंचायतों को जन-कल्याण के लिए सक्रिय भूमिका निभानी है। अधिकारों के साथ कर्त्तव्य भी जुड़े हैं। प्राप्त अधिकारों के माध्यम से पंचायतें सेवा और समर्पण का इतिहास रचें। यह देखें कि सभी जगह विकास के कार्य सुचारू रूप से चलें। उन्होंने कहा कि जहां-जहां आवश्यक है वहां तालाब- बावड़ी का जीर्णोद्धार भी करवाएं। यह अनुकूल समय है जब ऐसे कार्य करवाए जा सकते हैं। पंचायतें ग्रामीण क्षेत्रों में राशन वितरण कार्य पर भी नजर रखें। आवास योजनाओं से जुड़े कार्य देखें। यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं के हितग्राहियों को समय पर किश्तें मिल जाएं। पंचायतें अपने कार्यों से आदर्श उपस्थित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता मिशन में ग्राम को सबसे साफ और सुंदर रखने का प्रयास करें। साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़-पौधे भी लगाएं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी मिलकर ऊर्जा साक्षरता को बढ़ाएं। बिजली की बचत पर ध्यान दिया जाए। स्वच्छता और बेटी बचाओ अभियान को भी गति प्रदान की जाए।चौहान ने कोविड नियंत्रण में सहयोग का आह्वान किया। जिलों को संक्रमण की जानकारी के लिए दिए गए टेस्ट का लक्ष्य ग्राम स्तर से पूरा होगा। यदि किसी को सर्दी जुकाम, बुखार है तो तत्काल टेस्ट करवाएँ। टीकाकरण में सहयोग दें। कोई न छूटे यह आपका दायित्व है।
त्रि-स्तरीय पंचायत राज की व्यवस्था में प्रशासकीय समितियों की अहम भूमिका -
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था में प्रशासकीय समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ये समितियां शासन की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में निर्वाचित पंचायतों के गठन तक कार्यरत रहकर ग्रामीण क्षेत्र के चहुँमुखी विकास में सहायक हों, यह अपेक्षा शासन द्वारा की गई है। पंचायतों ने प्रशासकीय समितियों के गठन से अब तक सराहनीय भूमिका का निर्वहन किया है। एक सवंदेनशील विकेन्द्रित शासन व्यवस्था के अंग के रूप में बगैर किसी भेदभाव के भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था के लिए समाज हित में कार्य करने की पंचायतों से अपेक्षा की गई है। जल-संरक्षण, जल-संवर्धन योजनाओं के क्रियान्वयन और स्व-सहायता समूहों को प्रेरित करने का दायित्व भी पंचायतों द्वारा पूरी ताकत से निभाया जाए।
कोविड महामारी के दौर में प्रशासकीय समितियों की भूमिका -
कोविड महामारी के इस दौर में प्रशासकीय समितियों को महत्वपूर्ण भूमिका के निर्वहन का अवसर दिया गया है। गत दो वर्ष में पंचायतों ने कोविड की रोकथाम का सराहनीय कार्य किया है। ग्राम, जनपद एवं जिला पंचायत के स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट समितियाँ गठित कर क्वारेंटाइन और आयसोलेशन सेंटर संचालित करने का कार्य पंचायतों द्वारा किया गया है। जन-सहयोग से आवश्यक दवाओं, जरूरतमंदों को भोजन का वितरण किया गया है। पंचायतों ने आवश्यकतानुसार जनता कर्फ्यू का निर्णय लेकर लॉकडाउन से जुड़ी व्यवस्थाओं को भी सफलतापूर्वक अपने स्तर पर किया। अब एक बार फिर यह परिस्थिति बनी है कि सजग रहकर अपने आसपास के लोगों और समस्त ग्रामवासियों को सावधानी बरतने के लिए सचेत करे। उनसे कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाएं।