सौरभ पर हर संपत्ति का हिसाब, जांच में उलझीं एजेंसियां: सौरभ के दोस्त, परिजन, रिश्तेदार सब करोड़ों के मालिक, इन पर बेहिसाब संपत्तियां

Update: 2025-03-03 08:41 GMT

भोपाल, विशेष संवाददाता। परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के दो ठिकानों पर छापे में मिली 7.99 करोड़ की चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज एवं आयकर विभाग की टीम को मेंडोरी के जंगल में खड़ी चेतन की कार से मिले 52 किलो सोने और 11 करोड़ की नकदी को आयकर, लोकायुक्त एवं प्रवर्तन निदेशालय की टीमें अब तक सौरभ के स्वामित्व वाला साबित नहीं कर सकी हैं।

पूछताछ में सौरभ ने नकदी, सोना सहित अन्य संपत्तियां उसकी होने से इंकार किया है। ऐसी स्थिति में तीनों ही एजेंसियां सौरभ के ठिकानों से मिली संपत्ति को लेकर उलझन में हैं। ईडी और लोकायुक्त की टीमें प्रकरण दर्ज करने के बाद से अब तक न्यायालय में आरोप पत्र पेश नहीं कर सकी हैं।

28 दिसम्बर को सौरभ शर्मा की कथित गिरफ्तारी और उसके दोस्त शरद जायसवाल की लोकायुक्त कार्यालय से गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय की टीमें सौरभ, चेतन और शरद की रिमांड लेकर उनके और उनके परिजनों व रिश्तेदारों के नाम पर मिली चल-अचल संपत्तियों के संबंध में पहले ही रिमांड लेकर पूछताछ कर चुकी हैं।

अभी न्यायालय से आदेश लेकर आयकर टीम तीनों से जेल में पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार अब तक की पूछताछ में आयकर टीम कुछ खास जानकारी व सबूत एकत्रित नहीं कर सकी है। पूछताछ में चेतन और शरद सोना, नकदी सहित उनके नाम पर मिली संपत्तियों को सौरभ की और उसके द्वारा खरीदे जाने की बात कह रहे हैं तो वहीं सौरभ इससे इंकार कर रहा है।

आयकर टीम द्वारा दिखाए गए लेनदेन संबंधी दस्तावेज भी यह प्रमाणित नहीं कर सके हैं कि संपत्तियां सौरभ की हैं या उसके पैसे से खरीदी गई हैं। सूत्र बताते हैं कि सौरभ के नाम पर जो भी घर, कारोबार या संपत्तियां हैं, उन सभी के उसके पास वैधानिक दस्तावेज हैं।

संपत्तियों से अर्जित एवं अन्य आय का प्रतिवर्ष उसने आयकर रिटर्न फाइल किया है। ऐसी स्थिति में सौरभ को दोषी सिद्ध कर पाना तीनों ही एजेंसियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है।

...तो राजसात हो जाएंगी सोने की ईंटें और नकदी

चेतन की कार से मिले 52 किलो सोने और 11 करोड़ रुपये नकदी के बारे में आयकर टीम यह प्रमाणित नहीं कर पा रही है कि यह सब सौरभ का है। चेतन कार सहित इस नकदी और सोने को सौरभ का बता रहा है, लेकिन इसका प्रमाण किसी के पास नहीं है और सौरभ इसे साफ झूठ बता रहा है।

ऐसी स्थिति में इसे बेनामी संपत्ति मानकर आयकर टीम राजसात कर सकती है। हालांकि इस प्रक्रिया में अभी समय लग सकता है।

संपत्तियों को लेकर रिश्तेदारों से होगी पूछताछ

सौरभ, चेतन और शरद से जेल में पूछताछ के बाद आयकर विभाग की टीम तीनों के परिजनों से भी उनके नाम पर मिली चल-अचल संपत्तियों के बारे में पूछताछ करेगी। उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय के छापे में सौरभ के ठिकानों से कई चल-अचल संपत्तियां और दस्तावेज मिले हैं। इनमें कई दस्तावेज सौरभ, चेतन और शरद के परिजनों, रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम खरीदी गई संपत्तियों के हैं।

सौरभ की माँ पर होगी एफआईआर!

सौरभ शर्मा की परिवहन विभाग में हुई अनुकंपा नियुक्ति के लिए दिए गए शपथ पत्र में जानकारी छुपाने और गलत जानकारी देने को लेकर अब परिवहन विभाग भी सौरभ की माँ श्रीमती उमा शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में है।

उल्लेखनीय है कि सौरभ की परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए श्रीमती उमा शर्मा द्वारा दिए गए शपथ पत्र में कहा गया है कि उनका बड़ा पुत्र शासकीय सेवा में नहीं है, जबकि सौरभ के बड़े भाई सचिन शर्मा 2016 के पहले से छत्तीसगढ़ में वित्त सेवा के अधिकारी हैं। 

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