59 संगठनात्मक जिलों में बढ़े भाजपा के 212 मंडल: 1099 से बढ़कर 1300 हुई मप्र में भाजपा के मंडलों की संख्या…

Update: 2024-12-10 07:54 GMT

भोपाल, विशेष संवाददाता। भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के 59 संगठनात्मक जिलों में मंडलों की सीमा पुनर्निर्धारित कर 212 नवीन मंडल गठित किए हैं। पहले प्रदेश में मंडलों की संख्या 1099 थी, जो बढ़कर लगभग 1300 से अधिक हो गई है। बूथों के चुनावों के बाद प्रस्तावित मंडल स्तरीय चुनाव अब नई संरचना के अनुरूप 1300 मंडलों में होंगे।

उल्लेखनीय है कि संगठन पर्व के तहत आयोजित सदस्यता अभियान में भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में डेढ़ करोड़ से अधिक प्राथमिक सदस्य बनाए हैं।

इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य केन्द्रीय नेताओं ने मप्र के भाजपा कार्यकर्ताओं तथा संगठन की प्रशंसा की है। वर्तमान में पार्टी के संगठनात्क चुनाव आरंभ हो चुके हैं।

बूथ स्तरीय समितियों के गठन के बाद जल्द ही मंडल स्तरीय समितियों के चुनाव होने हैं। इसके बाद जिले और संभवत: अगले वर्ष के जनवरी माह के शुरूआत में प्रदेश एवं अंत तक राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का निर्वाचन सम्पन्न हो जाएगा।

मंडल चुनावों का सर्वाधिक प्रभाव जिलों की कार्यकारिणी के निर्वाचन पर पड़ेगा, क्योंकि पहले 55 शहरी एवं 5 ग्रामीण मिलाकर कुल 60 संगठनात्मक जिलों के लिए 1099 मंडलों से निर्वाचन होता था, लेकिन अब यही चुुनाव 1300 मंडलों की कार्यकारिणी द्वारा किया जाएगा।

प्रत्येक मंडल में अब अनुपातिक 50 बूथ

मंडलों की नई संरचना बूथ संख्या और दूरी के हिसाब से निर्धारित की गई है। कुछ मंडलों में बूथों की संख्या तो कम होती थी, लेकिन मंडल का परिक्षेत्र बहुत अधिक होता था।

इस तरह मंडलों में एकरूपता भी नहीं थी और मंडल अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को काम करने में असुविधा होती थी। नई व्यवस्था में प्रत्येक मंडल केन्द्र में उसके निकटतम लगभग 50 बूथों को शामिल किया गया है।

इस तरह कुल 65014 बूथों के अनुपात में प्रदेश में 1300 मंडल हो गए हैं। अब तक जिन मंडलों में बूथों की संख्या अधिक थी, ऐसे किन्हीं भी दो या अधिक मंडलों के बूथों का युक्तियुक्तकरण कर नए मंडलों का गठन किया गया है।

इस तरह भोपाल ग्रामीण जिले को छोड़कर प्रदेशभर के सभी 59 जिलों में नए मंडल गठित हुए हैं।

नए प्रस्तावित मंडलों को केन्द्र से मिली सहमति

भाजपा की प्रदेश इकाई के निर्देश पर जिला अध्यक्षों के नेतृत्व में हुए मंडलों के पुनर्गठन एवं मंडलों की वृद्धि के प्रस्ताव को पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने भी सहमति दे दी है। जल्द ही पार्टी जिले में मंडलों के युक्तियुक्तकरण के बाद बढ़े हुए बूथों की सूची सार्वजनिक करेगी।

इनका कहना है

भगवानदास सबनानी

- प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र विशेष में विस्तारित बूथ होने से मंडल अध्यक्ष का प्रवास अपेक्षित गति से कठिन होता था। पार्टी के लगातार कार्यक्रम हो रहे हैं। संगठन कार्य विस्तार की दृष्टि से यह आवश्यक था। इस कारण मंडल वृद्धि की आवश्यकता पड़ी।

-भगवानदास सबनानी, विधायक एवं प्रदेश महामंत्री, भाजपा 

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