क्या सिंधिया के उड्डयन मंत्री बनने से डबरा में बहुप्रतीक्षित कार्गो हब का सपना होगा पूरा ?
ग्वालियर। डबरा में कार्गो हब बनाने की योजना 13 साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई है। 2008 में इसकी घोषणा की गई थी। जिसके तहत क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश कराने के साथ एक हजार से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया था।
प्रदेश में पिछले साल हुए उपचुनाव के समय मुख्यमंत्री ने इसकी एक बार फिर घोषणा की थी। उन्होंने कहा था की सरकार डबरा क्षेत्र में एयर कारगो हब (माल वाहक विमानों का अड्डा) स्थापित करेगी, जिससे डबरा का नाम प्रदेश व देश में ही नहीं पूरी दुनिया के मानचित्र पर स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि हम सब मिल-जुलकर डबरा क्षेत्र में विकास का नया अध्याय लिखेंगे।लेकिन करीब एक साल बीत जाने के बाद भी अब तक इस तोजना की फाइलें भी आगे नहीं बढ़ी है। ऐसे में ये परियोजना महज एक चुनावी वादा बनकर रह गई है।
स्थानीय लोगों को रोजगार -
इस परियोजना के तहत यहां सिविल एयर कार्गो हब और मल्टी स्पेशल इकोनोमिक जोन बनाया जाना है। जिसके लिए करीब 10 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद जताई गई थी। साथ ही 1 हजार से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार देने का भी वादा किया गया था। इसके तहत नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की भी योजना तैयार की गई थी।
सिंधिया के मंत्री बनने से बढ़ी आस -
अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के उड्डयन मंत्री बनने के बाद इस परियोजना के जल्द पूरा होने की उम्मीद क्षेत्रीय लोगों में बंध गई है। जिसका मुख्य कारण केंद्रीय मंत्री सिंधिया की ग्वालियर -चंबल क्षेत्र के विकास को लेकर बढ़ी सक्रियता है। वे लंबे समय से क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर प्रयास करते रहें है। ऐसे में अब मंत्री बनने और उनके विभाग से जुड़ा मामला होने से इसके जल्द से जल्द शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
ये होंगे लाभ -
यदि ये योजना धरातल पर आती है तो डबरा में एयरपोर्ट तैयार किया जाएगा, साथ ही कार्गो और यात्री विमान की पार्किंग सुविधा बढ़ने से रोजगार में वृद्धि होगी। कार्गो एयरपोर्ट बनने के साथ यहां प्लेन हैंगर और मेंटेनेंस सेक्टर में लोगों को काम मिलने की संभावना है । इसके साथ ही ग्वालियर - डबरा - भितरवार में निवेश, रोजगार और विकास के नए द्वारा खुलने की उम्मीद है।