ग्वालियर। भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ जारी कार्यवाही का सिलसिला जारी है।पंचायत सचिव के बाद आज ईओडब्ल्यू की टीम ने नगर निगम सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। ईओडब्ल्यू की टीम गिरफ्तारी के बाद आरोपी को विश्विद्यालय थाने लेकर पहुंची।
दरअसल, थाटीपुर पानी की टंकी के पास रहने वाले एक बिल्डर की एक इमारत को तोड़ने के लिए प्रदीप वर्मा ने बुलडोजर लगा दिया था। जिसके बाद कार्यवाही के डर से सहमे हुए बिल्डर ने तुड़ाई रोकने की अपील की। जिसके बाद प्रदीप वर्मा ने बिल्डर से पचास लाख रुपये की मांग की। कोरोना संकट के चलते बिल्डर ने पूरी रकम देने में जब असमर्थता जाहिर की तो दोनों के बीच तय हुआ की दस लाख रूपए तत्काल एवं शेष रकम बाद में दी जाएगी। बताया जा रहा है की बिल्डर ने दस लाख रूपए तत्काल दे दिए थे। इसके बाद सीटी प्लानर प्रदीप वर्मा शेष राशि के लिए बिल्डर पर दबाव बनाने लगे। बिल्डर और प्रदीप वर्मा के बीच 25 लाख रूपए तय हुए। सिटी प्लानर से राशि तय करने के साथ ही बिल्डर ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी।
लोकायुक्त टीम के इशारे पर बिल्डर ने आज शनिवार को प्रदीप वर्मा को शेष राशि लेने के लिए बुलाया। बिल्डर तय स्थान पर पांच लाख रूपए के साथ पंहुचा। जहां पहले से मौजूद ईओडब्ल्यू की टीम ने प्रदीप को रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद ईओडब्ल्यू की टीम सिटी प्लानर को गिरफ्तार कर विश्विद्यालय थाने पहुंची।