एक दिन पहले कहा था कि नहीं लगेंगी प्रसाद की दुकानें, बिना मास्क के नहीं मिलेगा प्रवेश

हकीकत-मंदिर परिसर में बिना मास्क के पहुंच रहे श्रद्धालु, संक्रमण का खतरा

Update: 2020-10-19 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। नवरात्रि पर हजारों भक्त माता के मंदिरों पर दर्शन करने पहुंचते हैं। इसी के चलते सांतऊ स्थित शीतला माता मंदिर पर भी भक्तों की भीड़ पहुंचना शुरू हो गई है। लेकिन इस बार प्रशासन की अंदेखी व लापरवाही भक्तों पर भारी पड़ सकती है। मंदिर पर पहुंच रहे भक्तों की सुरक्षा के लिए न तो पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है और न ही कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।

दरअसल नवरात्रि के 15 से 20 दिनों पूर्व ही प्रशासन द्वारा मंदिर पर बैठकें कर व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर ली जाती हैं, जिससे भक्तों को परेशानी न हो। लेकिन चुनाव की तैयारियों में व्यस्त प्रशासनिक अधिकारियों को न तो नवरात्रि महोत्सव से कोई लेना देना है और न ही भक्तों की सुरक्षा से। इसलिए प्रशासन ने नवरात्रि के एक दिन पूर्व बैठक कर निर्देश दिए कि मंदिर पर न तो मेला लगेगा और ना ही प्रसाद की दुकानें सजेंगी। भक्त मास्क लगाकर केवल माता के ही दर्शन कर सकेंगे, जो भक्त मास्क नहीं लगाएंगे उन्हें मन्दिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। माता के दर्शन करने के लिए लोगों को सामाजिक दूरी का भी पालन करना होगा। लेकिन हकीकत इसके उलट है। मंदिर पर न तो भक्त मास्क लगा कर पहुंच रहे हैं और न ही सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है। साथ ही प्रसाद सहित अन्य दुकानें भी मंदिर परिसर में खुल रही हैं। इतना ही नहीं प्रशासन मंदिर पर पहुंच रहे भक्तों की सुरक्षा को लेकर भी अंदेखी कर रहा है। मंदिर पर भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए मंदिर प्रबंधन ने 150 पुलिस जवानों की मांग की थी। उसके बाद भी न तो पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं किया गया।

नहीं की बैरीकेटिंग, अंदर तक पहुंच रहे वाहन

प्रशासन द्वारा मंदिर पर न तो पार्किंग व्यवस्था की गई और न ही बैरीकेटिंग। जिस कारण दर्शन करने पहुंच रहे लोग बिना रोक-टोक वाहनों को मंदिर के मुख्य द्वार के अंदर तक ले जा रहे हैं। इधर मंदिर पर एम्बुलेंस भी तैनात नहीं की गई है। साथ ही किसी चिकित्सक की भी अस्थाई रूप से ड्यूटी नहीं लगाई गई। जबकि प्रतिवर्ष मंदिर के बाहर एक एम्बुलेंस और चिकित्सक की टीमों को तैनात किया जाता था।

भारी वाहनों को भी नहीं किया प्रतिबंधित

पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचने वाले भक्त भी इस बार सुरक्षित नहीं हैं। बेला की बावड़ी से शिवपुरी हाइवे तक सड़क मार्ग खराब होने के कारण भारी वाहन मंदिर मार्ग से लेकर हाइवे तक पहुंच रहे हैं। जबकि मंदिर मार्ग का रास्ता हाइवे तक ज्यादा चौड़ा नहीं हैं। जिस कारण रास्ते में लम्बा जाम लगने के साथ ही भारी वाहन रात के साथ तेज रफ्तार से दौड़ रहे हैं। उसके बाद भी मंदिर मार्ग पर भारी बाहनों का प्रवेश बंद नहीं किया गया। 

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