Gwalior : महिला हाकर्स जोन खाली, नहीं पहुंचीं व्यापारी
कामकाजी महिलाओं को रोजगार देने के लिए बना था हॉकर्स जोन
ग्वालियर। शहर की महिला हाकर्स के लिए विशेष तौर पर नौ साल पहले कंपू पर तैयार किया गया हाकर्स जोन खाली पड़ा हुआ है। यहां महिला हाकर्स को लाने में नगर निगम के अधिकारी नाकाम रहे। इसके चलते यह हाकर्स जोन वीरान पड़ा हुआ है। यहां शाम के समय असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। शहर के बाजारों में सडक़ किनारे तथा फुटपाथ पर दुकान लगाकर कारोबार करने वाली महिलाओं के लिए नगर निगम ने दूसरी बटालियन के पास महिला हाकर्स जोन का निर्माण कराया था। इस हॉकर्स जोन में आज तक कोई महिला दुकानदार अपनी दुकान लगाने नहीं पहुंची, लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी यह महिला हॉकर्स जोन आज वीरान पड़ा है। जहां महिला दुकानदारों की जगह भिखारी या आवारा पशु आराम करते नजर आते है।
नगर निगम द्वारा हाथ ठेलों के होने वाले अतिक्रमण को रोकने के लिए नगर निगम ने निगम की खाली पड़ी जमीनों का उपयोग करते हुए वहां हॉकर्स जोन बनाए हैं। जमीनों का निगम ने उपयोग कर हॉकर्स जोन तो बना लिया, लेकिन महानगर के हाथ ठेले आज भी सडक़ों पर खड़े होकर रास्ते को अवरूद्ध कर रहे हैं।
पूर्व महापौर के कार्यकाल में बना था महिला हॉकर्स जोन
बताया गया है कि पूर्व महापौर समीक्षा गुपत ने कामकाजी महिलाओं के लिए कम्पू स्थित सैकेंड बटालियन में महिला हॉकर्स जोन बनवाया था। लेकिन उसके बाद आज तक यह महिला हॉकर्स जोन वीरान पड़ा हुआ है।
रात में चलती है शराब पार्टी
महिला हॉकर्स जोन में रात के समय असमाजिक तत्व आकर शराब बोतलों से अपना कंठ गीता करते है। कहने को तो इसमें गेट भी लगा हुआ है, लेकिन उसके बाद भी असमाजिक तत्व दीवार फांदकर अपनी पार्टी करते है।
स्मार्ट सिटी तो जब बनेगी, जब ठेले पहुंचेंगे हॉकर्स जोन में
एक ओर जिला प्रशासन और शासन स्मार्ट सिटी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। नगर निगम प्रयास के बाद भी हाथ ठेले वालों को हॉकर्स जोन में नहीं पहुंचा पा रहे हैं। अब वस्तु स्थिति देखी जाए तो हॉकर्स जोन की स्थिति भी कोई ज्यादा बेहतर नहीं है। बिना योजना के निगम ने हॉकर्स जोन बना तो दिए वहीं उनमें कोई भी सुविधाएं नहीं है। वहां ना तो हाथ ठेले वालों को पीने के पानी की सुविधा है और ना ही शौचालय की। ऐसे में हॉकर्स जोन में हाथ ठेले वाले कैसे पहुंचे यह भी एक सवाल है।
कमाई के लिए सडक़ किनारे खड़े होते है
हाथ ठेले वालों को सुविधाएं नहीं मिलने से वह भी हॉकर्स जोन में खडे होने से कतराते हैं। वहीं हाथ ठेले वाले अपनी कमाई के चक्कर में सडक़ पर आ जाते हैं। नगर निगम का मदाखलत का दस्ता कभी कभार हाथ ठेले वालों को खदेड़ देता है उसके बाद भी हाथ ठेले वाले हॉकर्स जोन से ज्यादा सडक़ पर खड़ा होना ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं लाखों रूपए खर्च करने के बाद भी हॉकर्स जोन खाली पडे है।