मामला फूटी कॉलोनी का: अतिक्रमण हटाने गए अमले को खदेड़ा, पुलिस के लाठीचार्ज के बाद लोगों ने किया पथराव
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हो रही कार्रवाई, माकपा और आप के नेता पहुंचे, पुलिस और प्रशासन पर जमकर बरसे
ग्वालियर। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद फूटी कॉलोनी में रहने वाले करीब 5 सैकड़ा लोगों के घर तोड़ने पहुंची प्रशासन की टीम को उस समय वापस लौटना पड़ा जब प्रदर्शन के दौरान घायल हुई महिला को जबरन एंबुलेंस से अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई। जब लोगों ने उन्हें रोका तो वहां बैठी महिलाएं आक्रोशित हो गई इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
फूटी कॉलोनी में अतिक्रमण हटाने गई गई प्रशासन की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। दो घर टूटते ही लोग आक्रोशित हो गए जिसके बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में लोगों पर लाठियां भांजी गई। जिसमे कई लोग घायल हो गए। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला अध्यक्ष अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता मनीक्षा सिंह तोमर पहुँच गए। दोनों पार्टियों के नेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध जताया और जमकर हंगामा किया मामला नियंत्रण से बाहर होता देख पुलिस और प्रशसन को वहां से उल्टे पांव वापस भागना पड़ा। अतिक्रमण की कार्रवाई को कुछ समय के लिए रोक दिया गया। उल्लेखनीय है कि फूटी कॉलोनी मुरार में लोग पिछले 10 से 15 सालों से रह रहे हैं । एक जनहित याचिका में हाई कोर्ट ने अवैध रूप से रह रहे लोगों को बेदखल करने के आदेश जारी किए हैं। आदेश के खिलाफ लोग आक्रोशित हैं और प्रशासन को अतिक्रमण हटाने से रोक रहे हैं। खास बात है कि यहाँ रहने वाले सभी लोग मजदूर वर्ग से आते हैं अधिकांश दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग रहते हैं। इनका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई बार कहा है कि किसी को उजाड़ा नहीं जाएगा जो जहाँ बरसों से रह रहा है उसे पट्टे दिए जायेंगे अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा तो फिर हमें क्यों हटाया जा रहा है। लोगों के इस सवाल का प्रशासन के पास क्कोई जवाब नहीं है वो केवल हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कह रहा है। उधर प्रशासन अब भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ यहाँ से अतिक्रमण हटाने की बात कह रहा है