ग्वालियर :लॉकडाउन के बीच राजा मानसिंह विश्विद्यालय में हुआ ऑनलाइन सेमीनार का आयोजन
ग्वालियर। देश में जारी लॉकडाउन के कारण सभी शैक्षणिक गतिविधियां एवं सेमिनार और अन्य कार्य बंद पड़े है। प्रदेश के विश्विद्यालयों एवं महाविद्यालयों विद्यर्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रहीं है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कथक नृत्य विभाग द्वारा पहली बार ऑनलाइन इंटरनेशनल कत्थक सेमिनार का आयोजन किया गया है।यह सेमीनार "आरएमटी कथक डांस डिपार्टमेंट ग्रुप" के फेसबुक पेज पर किया गया। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कथक नृत्य विभाग एचओडी डॉ. अंजना झा द्वारा किया गया।
इस सेमिनार में मुख्य व्याख्यान "पद्मश्री डॉ. पुरू दाधीच " द्वारा दिया गया। जिसमें उनका विषय- कथक नृत्य की पारंपरिक एवं विश्वविद्यालयन शिक्षा प्रणाली, जो शिष्य नृत्य के विश्वविद्यालय में नृत्य के अध्ययन के लिए शामिल होते हैं वह भी अच्छे कलाकार हो सकते हैं यह संभव है। उन्होंने छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देते हुए बताया कि- उत्तर- कथक नृत्य करते समय रस का समावेश रखना जरूरी है , अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए कहा 'कथा कहे सो कत्थक कहावे' अर्थात कथा का सार नृत्य के माध्यम से बताना ही कत्थक है।
इसके अलावा कथक और योग के संबंध के बारे में बताया, ऑडियंस में कैसे अवेयरनेस लाएं कथक नृत्य के प्रति, कत्थक से जुड़े पुराने ग्रंथों की जानकारी, कथक नृत्य में लोक धर्मी एवं नाटक गर्मी के बारे में बताया, कथक नृत्य का विस्तार, अकादमी प्रणाली में गुणवत्ता सुधार हेतु दिशा दी, एवं गुरु शिष्य के संबंध को बताते हुए यह कहा कि- शिष्य को धैर्यवान एवं गुरु के प्रति समर्पण की भावना रखनी चाहिए 'गुरु ही सत्य है' 'गुरु ही आपकी प्रतिभा को निखार सकता है' एवं नृत्य को समय देना चाहिए और यह बताया कि जो ग्रंथ बाजार में नहीं मिलते हैं और प्रकाशित हो चुके हैं उन ग्रंथों को विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी द्वारा छात्र एवं छात्राओं को प्रयुक्त कराने चाहिए जिससे कत्थक का शास्त्रीय पक्ष नई पीढ़ी तक पहुंच सके। अंत मे गुरूजनो ओर कुलपति का अंजना झा ने सभी का आभार किया !