मनरेगा में भ्रष्टाचार को मिली खुली छूट :डॉ गोविन्द सिंह

Update: 2020-06-27 09:48 GMT

ग्वालियर/भोपाल।  प्रदेश में उपचुनावों की तारीखें अभी घोषित नहीं हुई है लेकिन सियासत ने रफ्तार पकड़ ली है। लहार विधायक एवं पूर्व मंत्री गोविन्द सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की मनरेगा में सरकार ने भ्रष्टाचार की खुली छूट दें रखी है। उन्होंने कहा की ग्वालियर-चंबल संभाग में मनरेगा के तहत कोई नमजदूर नहीं है फिर भी करोड़ों रूपए के बंदरबांट किया जा रहा है।  जहाँ उपचुनाव होने है, उन क्षेत्रों में करोड़ों रूपए के काम दिए गए है।शासन- प्रशासन से उम्मीद न होने से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इसकी शिकायत की गई है।

पूर्व मंत्री ने कहा कि मनरेगा योजना में कोरोना महामारी की आड़ में अप्रैल से जून तक 41 करोड़ 18 लाख 91 हजार फर्जी आईडी से बोगस संस्थाओं को भुगतान किया गया। वर्ष 2019- 20 में 75 करोड़ 55 लाख 17 हजार का भुगतान हुआ। जबकि अधिकांश स्थानों पर काम हुए ही नहीं। गोहद के ऐनों पंचायत सरपंच ने तो 2017 में जिपं सीईओ को शिकायत की कि जानकारी के बगैर मशीनों से मनरेगा के तहत दो रोड व तालाब का बोगस कार्य कराकर 6 लाख 65 हजार 200 रुपए का भुगतान कराया गया है।

डॉ. सिंह ने कहा कि सुहास ग्राम पंचायत में सरपंच व प्रभारी सचिव ने मनरेगा में करोड़ों रुपए बिना काम कराए भुगतान कराया है। यहीं अनुसूचित जाति सघन बस्ती विकास योजना के तहत सीसी रोड व नाली निर्माण का दोबारा वर्तमान सरपंच व प्रभारी द्वारा फर्जी भुगतान कराया गया। इसके अलावा स्व कराधान योजना व महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना में गड़बड़ी की गई। इसी प्रकार रायपुरा, इमलाहा, तैतपुरा गुढ़ा में मशीनों से कार्य कराए गए। प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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