ग्वालियर, न.सं.। कोरोना काल में सोमवार को छह माह के बाद कक्षा 9वीं से 12वीं तक के स्कूल तो खुले लेकिन यहां बहुत ही कम संख्या में बच्चे पहुँचे। जहां शासकीय स्कूल पूरे खुले रहे वहीं निजी स्कूल कम संख्या में खुले। कई स्कूल प्राचार्यों ने पहले अभिभावकों का सहमति पत्र देखा उसके बाद ही बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिया गया। वहीं कई अभिभावकों ने कोरोना के डर से अपने बच्चों को विद्यालय नहीं भेजा। प्रवेश करने से पहले बच्चों को तापमान जांचा गया और सेनेटाइज किया गया। एक कक्षा में लगभग पांच बच्चों को ही बैठाया गया था।
उल्लेखनीय है कि मध्प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर से स्कूल खोलने के आदेश जारी किए थे। इसी क्रम में ग्वालियर में सोमवार को सीबीएसई के साथ एमपी बोर्ड व निजी स्कूल आंशिक रूप से खुल गए। यहां बच्चों की बहुत कम संख्या देखी गई। यहां केवल उन्हीं बच्चों को आने की अनुमति दी गई है, जिनके अभिभावकों ने सहमति पत्र दिया था। सुबह के समय हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी की परीक्षा होने के कारण बच्चों को दोपहर 12 बजे के बाद कक्षाओं में प्रवेश दिया गया। बच्चों के आने से पहले कक्षाओं की साफ-सफाई की गई। उसके बाद ही बच्चे वहां बैठे। कुछ देर पढऩे के बाद बच्चे वहां से चले गए।
सुबह से शुरू हुईं तैयारियां:-
स्कूल खुलने से पहले नगर निगम द्वारा स्कूलों को सेनेटाइज करने का काम किया गया। जो बच्चे मास्क लगाकर नहीं आए थे उन्हें स्कूल प्रबंधन द्वारा मास्क प्रदान किए गए।
इनका कहना है:-
'छह माह के बाद आज हम स्कूल में आए हैं। सहमति पत्र के बाद ही हमें विद्यालय में प्रवेश दिया गया है। वैसे हम ऑनलाइन पढ़ाई भी कर रहे हैं। स्कूल खुलने से हम अपनी समस्याओं को हल कर सकेंगे।'
ईशा मौर्य, विद्यार्थी कक्षा 10
'हमने किताबें वगैरह सब खरीद ली हैं और घर पर पढ़ाई कर रहे हैं। समस्या होगी तो स्कूल आते रहेंगे।'
नेहा बंसल, विद्यार्थी कक्षा 10