"स्मरणांजलि" पं. मदन मोहन मालवीय जी की जयंती पर विशेष कार्यक्रम

Update: 2021-12-24 11:56 GMT

ग्वालियर। देशभक्त ,स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, विधिवेत्ता, पत्रकार, शिक्षाविद, हिन्दुत्व एवं राष्ट्रीयता के प्रबल समर्थक तथा "काशी हिंदू विश्वविद्यालय" के संस्थापक पं. मदन मोहन मालवीय जी भारतीयता के साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उनका जन्म 25 दिसंबर सन 1861 को प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) में हुआ था ।धर्म के प्रति दृढ़ निष्ठावान पं. मदन मोहन मालवीय जी कहते---' सिर जाए तो जाए प्रभु ! मेरो धर्म न जाए'। हिंदू समाज के लिए सतत प्रयत्नशील पं. मदन मोहन मालवीय ने सामाजिक समरसता के लिए आंदोलन चलाया।मालवीय जी का पूरा जीवन गाय, गीता, गंगा और गायत्री मंत्र को ही समर्पित रहा।

वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक -

अतुल तारे

वरिष्ठ राष्ट्रवादी पत्रकार, संपादक अतुल तारे का जन्म 6 नवंबर 1968 को श्योपुर (मध्य प्रदेश) में हुआ। उन्होंने वाणिज्य विषय से परास्नातक की शिक्षा प्राप्त की है।यह 1986 से 'दैनिक स्वदेश' ग्वालियर में पत्रकार रहे हैं ।'स्वदेश' पत्र के साथ ही विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में इनके विभिन्न विषयों पर लेख प्रकाशित होते रहते हैं ।

अतुल तारे की प्रकाशित पुस्तकों में राष्ट्रीय सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मा. श्रीकांत जोशी जी की जीवन चरित्र पुस्तक का संपादन, 'मीडिया नैतिकता 'पर पुस्तक संपादित, तथा पं. दीनदयाल उपाध्याय पर 'भावभूमि' का संपादन किया है ।इनकी पत्रकारिता को मध्य प्रदेश द्वारा 'राज्य स्तरीय पत्रकारिता सम्मान', उ.प्र में राज्यपाल द्वारा 'पत्रकारिता में विशिष्ट सम्मान' ,उत्तर प्रदेश नगर पंचायत हाथरस द्वारा 'अटल रत्न' सम्मान दिया गया ।

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