रेलवे यात्रियों के लिए बड़ी खबर, ग्वालियर से अहमदाबाद जाने वाली ट्रेन अब जाएगी साबरमती
ग्वालियर,न.सं.। रेलवे ने ग्वालियर व आगरा से अहमदाबाद स्टेशन के बीच चलने वाली गाडिय़ों के टर्मिनल स्टेशन में बदलाव किया है। इन गाडिय़ों का संचालन अब अहमदाबाद के स्थान पर साबरमती स्टेशन से होगा। ट्रेन संख्या 12547 आगरा कैंट-अहमदाबाद से 11 जुलाई से हर सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को अहमदाबाद की बजाए साबरमती स्टेशन जाएगी। ट्रेन संख्या 22547 ग्वालियर-अहमदाबाद 10 जुलाई से हर बुधवार, शनिवार और रविवार को अहमदाबाद की बजाए साबरमती स्टेशन जाएगी। ट्रेन संख्या 12548 अहमदाबाद-आगरा कैंट 11 जुलाई से हर सोमवार, बुधवार, गुरुवार और रविवार को अहमदाबाद की बजाए साबरमती स्टेशन से संचालित होगी। अब ट्रेन के चलने का समय शाम 4.50 बजे रहेगा। ट्रेन संख्या 22548 अहमदाबाद-ग्वालियर एक्सप्रेस 12 जुलाई से हर मंगलवार को अहमदाबाद के स्थान पर साबरमती स्टेशन से संचालित होगी।
गुरु पूर्णिमा पर चलेंगी तीर्थ स्पेशल ट्रेनें
रेल प्रशासन द्वारा गुरु पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गाड़ी संख्या 04004/04003 नई दिल्ली-अशोकनगर-नई दिल्ली तीर्थ स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। गाड़ी संख्या 04004 नई दिल्ली-अशोक नगर तीर्थ स्पेशल ट्रेन 10 जुलाई को नई दिल्ली स्टेशन से 12.10 बजे प्रस्थान कर, 12.40 बजे फरीदाबाद पहुंचकर, 12.42 बजे फरीदाबाद से प्रस्थान कर, 3.05 बजे आगरा कैंट पहुंचकर, 3.10 बजे आगरा कैंट से प्रस्थान कर, 5.40 बजे ग्वालियर पहुंचकर, 5.45 बजे ग्वालियर से प्रस्थान कर, 7.20 बजे वीरांगना लक्ष्मीबाई पहुंचकर, 7.30 बजे वीरांगना लक्ष्मीबाई से प्रस्थान कर, 10.20 बजे बीना पहुंचकर, 10.45 बजे बीना से प्रस्थान कर, अगले दिन 12.05 बजे अशोकनगर स्टेशन पहुंचेगी।
जुलाई से सभी ट्रेनों में मिलने लगेंगे जनरल टिकट
कोरोना काल से करीब तीन साल बाद अब रेलवे में पुरानी व्यवस्थाएं लागू होने वाली हैं। एक जुलाई से लोकल के साथ ही सभी एक्सप्रेस और साप्ताहिक गाडिय़ों में भी जनरल (सामान्य) टिकट मिलने लगेंगे। दरअसल, 120 दिन की समयावधि तय करते हुए चार माह पहले रेलवे ने यह निर्देश जारी कर दिए थे कि जनरल टिकट का रास्ता साफ। इसके बाद फाइनली ऑनलाइन 120 दिन का समय पूरा होने के बाद व्यवस्था सामान्य हुई है। अभी तक सीमित गाडिय़ों में ही जनरल टिकिट मिलने से यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। कई यात्रियों को टिकट के अभाव में बैरंग लौटना पड़ रहा था और यदि कोई जोखिम उठाकर ट्रेन में चढ़ भी जाता तो उन्हें जुर्माना चुकाना पड़ रहा था। अब काफी सहूलियत उन्हें मिल जाएगी।