इंदौर में रंगपंचमी पर निकली गेर, मिसाइल से बरसा रंग-गुलाल , राजवाड़ा बना इंद्रधनुष
इंदौर। कोरोना से प्रतिबंध हटने के चलते दो साल बाद एक बार फिर इंदौर में मंगलवार को रंगपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। सुबह ही लोग मस्ती के रंग में रंगे नजर आए। शहर में सुबह प्रभातफेरी गेर निकाली गई, जो राजवाड़ा पहुंची। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। हर तरफ रंग-गुलाल उड़ता नजर आया। हजारों की संख्या में शामिल हुए लोगों ने इंदौर को होली के रंगों से रंग दिया। इस दौरान राजवाड़ा इंद्रधनुष की तरह नजर आने लगा।
रंगपंचमी की मोरल क्लब की पहली गेर रंग उड़ाते हुए मंगलवार सुबह 10.30 बजे राजवाड़ा पहुंची। गेर में 40,000 लीटर पानी और 1000 किलो गुलाल उड़ाया जा रहा है। अलग-अलग रंग के साथ मोरल क्लब इस बार शहीदों को श्रद्धांजलि भी दे रहा है। अभिमन्यु मिश्रा और अन्य कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस बार निकलने वाली गेर में 20 से अधिक ट्रैक्टर, 3 कंप्रेसर मशीन और 3 अलग-अलग मिसाइलों से गुलाल बरसा रहे हैं। पूर्व सीडीएस बिपिन रावत को भी श्रद्धांजलि देते हुए एक ट्रक सबसे आगे चल रहा है। करीब चार किमी में निकल रही गेर के पूरे रास्ते पर डेढ़ लाख से ज्यादा लोग मौजूद हैं। यहां पूरे शहर से लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। हैदराबाद, मुंबई, बड़ोदा, अहमदाबाद सहित मध्यप्रदेश के कई हिस्सों से लोग गेर देखने पहुंच रहे हैं।
खूब उड़ा गुलाल -
इससे पहले गोमती देवी व्यायामशाला द्वारा प्रभातफेरी गेर निकाली गई। इसमें जेलरोड खातीपुरा क्षेत्र की महिला मंडल और पुरुष बड़ी संख्या में शामिल हुए। गेर के दौरान महिला-पुरुष रंग-गुलाल उड़ाते चल रहे थे। सुबह 10 से दोपहर 2.30 बजे तक रंगों के उल्लास के उत्सव में साक्षी बनने के लिए करीब चार लाख से अधिक रंग प्रेमी राजवाड़ा पर जुटे हैं। यहां वृंदावन का प्रेम मंदिर और बरसाना की लट्ठमार होली भी नजर आएगी।
राजवंश कालीन परंपरा -
इंदौर में होलकर शासनकाल में राजवंश के लोग आम जनता के बीच पहुंचकर होली का पर्व मनाते थे। इस दौरान लोग टोलियों में गाते-बजाते एक-दूसरे पर जमकर रंग उड़ाते थे। यह परम्परा तभी से चली आ रही है, लेकिन अब इसका स्वरूप बदल गया है। यहां अब टोलियां डीजे पर नाचते गाते कंप्रेसर मशीन और मिसाइलों से रंग उड़ाते हैं।