इंदौर के नाम दर्ज हुई एक और उपलब्धि, देश का पहला EPR Credit अर्जन करने वाला नगर निगम बना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी बधाई

Update: 2023-07-04 13:20 GMT

नईदिल्ली। देश में स्वच्छता का पर्याय बन चुके इंदौर के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) देश का पहला ईपीआर क्रेडिट अर्जन करने वाला नगरीय निकाय बन गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आज भारत नई सोच और नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है। आर्थिक विकास के साथ-साथ पारिस्थितिक संतुलन को भी मजबूत कर रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशानुसार मध्य प्रदेश में भी सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति के इंदौर नगर निगम के अभियान से पूरे प्रदेश में इस दिशा में प्रयास करने की प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने समस्त इंदौरवासियों, प्रशासनिक अधिकारी एवं निकाय के समस्त कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जन-भागीदारी के इस प्रयास की सफलता पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।

उन्होंने कहा कि कार्बन क्रेडिट अर्जित करने के बाद इंदौर नगर निगम ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ईपीआर पोर्टल पर पंजीकृत होने वाला भारत का पहला यूएलबी बनकर "वेस्ट टू वेल्थ" की अवधारणा को आगे बढ़ाया है। आज आईएमसी ईपीआर क्रेडिट अर्जित करने वाला भारत का पहला यूएलबी बन गया है। ईपीआर क्रेडिट अर्जित करने की उपलब्धि आईएमसी द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 (पीडब्लूएम) और ईपीआर नीति के सफल कार्यान्वयन को दर्शाती है। ईपीआर क्रेडिट अर्जित करने का यह नवाचार लीनियर इकोनॉमी से सर्कुलर इकोनॉमी और संवहनीय विकास की दिशा में एक और सशक्त कदम है। 

जन-भागीदारी के इंदौर मॉडल ने रचा कीर्तिमान 

जनसम्पर्क अधिकारी अंकुश मिश्रा ने बताया कि जन-भागीदारी इंदौर शहर मॉडल की यूएसपी है। इंदौर नगर निगम ने एकल उपयोग प्लास्टिक प्रतिबंध के संबंध में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए "मैं हूँ झोलाधारी इंदौरी", "प्लास्टिक हाइस्ट गैंग", "प्लास्टिक प्रीमियर लीग" और "हल्ला बोल ड्राइव" आदि जैसे गहन जागरुकता अभियान चलाये हैं। इंदौर शहर प्रतिदिन 1162 मीट्रिक टन से अधिक ठोस कचरा (एमएसडी) उत्पन्न करता है। आईएमसी और उसके हितधारकों के व्यापक जागरूकता अभियान और ठोस प्रयासों से घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक संस्थानों आदि में 6 प्रकार के कचरे प्लास्टिक अपशिष्ट, गैर-प्लास्टिक अपशिष्ट, ई-अपशिष्ट, सेने-अपशिष्ट, घरेलू खतरनाक अपशिष्ट और गीले अपशिष्ट में स्रोत पृथक्करण के सफल कार्यान्वयन को सफलता मिली है।

इंदौर नगर निगम क्षेत्र में प्रतिदिन 163.8 मीट्रिक टन प्लास्टिक उत्पन्न होता है। जिसे डोर-टू-डोर कलेक्शन और बल्क कलेक्शन सिस्टम के माध्यम से स्रोत से अलग तरीके से एकत्र किया जा रहा है। फिर बिना किसी मानवीय अंतःक्षेप के केंद्रीकृत और विकेन्द्रीकृत मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी तक पहुँचाया जाता है। परिवहन किए गए शत-प्रतिशत कचरे को उसी दिन ट्रीट किया जाता है। इसके साथ ही पीडब्लूएम नियम 2016 और ईपीआर नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए आईएमसी शहर के भीतर बैन प्लास्टिक के निर्माण, भंडारण, उपयोग और आपूर्ति श्रृंखला की निगरानी करती है।

आईएमसी ने नगरपालिका सीमा के भीतर मानदंडों के उल्लंघन की रिपोर्ट करने के लिए जोन स्तर पर 19 निरीक्षण टीमों को तैनात कर एक विशेष टास्क फोर्स की स्थापना की है। निरीक्षण दल दैनिक आधार पर विभिन्न क्षेत्रों जैसे वाणिज्यिक क्षेत्रों, पर्यटक क्षेत्रों, सार्वजनिक स्थानों, सब्जी, फल और मांस बाजारों, औद्योगिक क्षेत्रों आदि में नियमित रूप से दौरा करते हैं। निरीक्षण के दौरान वे उल्लंघन की रिपोर्ट करते हैं और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाकर प्लास्टिक जब्त करते हैं। जब्त किए गए प्लास्टिक को आईएमसी देवगुराड़िया में स्थापित अनुबंधित एजेंसी की 400 टीपीडी क्षमता की मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी में पहुँचाता है। आईएमसी ने ईपीआर क्रेडिट को अर्जित करने और साझा करने के लिए इस एजेंसी के साथ भी एमओयू किया हैं। आईएमसी ने 8 मीट्रिक टन जब्त प्लास्टिक के बदले में ईपीआर क्रेडिट की अपनी पहली किस्त अर्जित की। पीपीपी मोड के तहत मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) के लिए पैनलबद्ध एजेंसी के माध्यम से आईएमसी द्वारा अर्जित ईपीआर क्रेडिट का मूल्य 8 हजार 100 रुपये है।

उल्लेखनीय है कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (ईपीआर) की अवधारणा के माध्यम से उत्पादकों की जिम्मेदारियों को अनिवार्य करता है। उत्पादक शब्द सामूहिक रूप से कैरी बैग, बहुस्तरीय पैकेजिंग, प्लास्टिक शीट आदि के निर्माण या आयात में लगे औद्योगिक संस्थानों एवं व्यक्तियों को संदर्भित करता है। इसमें प्लास्टिक शीट, प्लास्टिक शीट से बने कवर, पैकेजिंग या रैपिंग के लिए बहुस्तरीय पैकेजिंग का उपयोग करने वाले व्यक्ति और संस्थान शामिल हैं।

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