MP Liquor Ban: मोहन सरकार का बड़ा फैसला, उज्जैन, चित्रकूट, जबलपुर समेत यहां हो सकती है शराब बंदी

Update: 2025-01-24 03:39 GMT

Liquor Ban in MP 17 Cities : भोपाल। मध्य प्रदेश में शराबबंदी (Liquor Ban) को लेकर ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने 17 प्रमुख धार्मिक स्थलों और नगरों में शराबबंदी की घोषणा की है। यह कदम मोहन यादव सरकार द्वारा शराबबंदी की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) भी लंबे समय से सक्रिय रही हैं और उन्होंने इस कदम को सराहा है।

गुरुवार को नरसिंहपुर (Narsinghpur) में बयान देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, जहां-जहां भगवान श्री कृष्ण के चरण पड़े और जहां-जहां उनकी लीलाएं हुईं, उन सभी स्थानों को हम धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेंगे। इसके साथ ही इन 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी (Liquor Ban) लागू की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि शराब और नशाखोरी समाज के लिए अत्यंत हानिकारक है, और इससे पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार का उद्देश्य समाज में नशे के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को समाप्त करना है।

मध्य प्रदेश में इन धार्मिक स्थलों पर हो सकती है शराबबंदी

1. चित्रकूट (धार्मिक नगरी, भगवान राम ने वनवास का समय यहां बिताया)

2. मैहर (मां शारदा का प्रसिद्ध मंदिर)

3. भोजपुर (महादेव का प्राचीन मंदिर)

4. दतिया (पीतांबरा माता मंदिर)

5. सलकनपुर (प्रसिद्ध देवी मंदिर)

6. ओंकारेश्वर (ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग)

7. उज्जैन (महाकालेश्वर मंदिर)

8. ओरछा (रामराजा सरकार का मंदिर)

9. अमरकंटक (नर्मदा उद्गम स्थल)

10. मंडला (नर्मदा के प्रसिद्ध घाट)

11. महेश्वर (कई प्राचीन मंदिर)

12. मुलताई (ताप्ती उद्गम स्थल)

13. जबलपुर (प्राचीन नगरी, नर्मदा घाट के लिए प्रसिद्ध)

14. बरमान घाट और मंडेलश्वर (नर्मदा के प्रसिद्ध घाट)

15. नलखेड़ा (मां बगुलामुखी मंदिर)

16. मंदसौर (भगवान पशुपतिनाथ मंदिर)

17. पन्ना (जुगलकिशोर भगवान का प्राचीन मंदिर)

यहां इन धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी के आदेश दिए जा सकते हैं, ताकि इन स्थानों को और अधिक धार्मिक और पारंपरिक रूप से सुरक्षित रखा जा सके।

कब से लागू होगा आदेश

मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी बजट सत्र में इस प्रस्ताव को पेश करने की योजना बनाई है। यह भी बताया गया है कि इन 17 धार्मिक शहरों (Religious Cities) के लिए आबकारी नीति (Excise Policy) में बदलाव किया जाएगा। इसके बाद नए वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल से यह व्यवस्था लागू होगी। 


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