ग्वालियर। प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में ग्वालियर चंबल संभाग की 16 सीटें काफी अहम है। यही कारण है कि दोनों दलों भाजपा और कांग्रेस ने इस क्षेत्र को केंद्र बिंदु मानकर चुनाव प्रचार अभियान चलाया है। अब मतदान में 72 घंटे शेष रहते भाजपा अपने आधा दर्जन वरिष्ठ नेताओं के साथ सभाएं और रोड शो कर रही है। वहीं कांग्रेस की ओर से एकमात्र स्टार प्रचारक कमलनाथ ही सबकुछ संभाल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि उपचुनाव में तीन नवंबर को मतदान होना है, जिसके लिए एक नवंबर को शाम पांच बजे से चुनावी शोरगुल समाप्त हो जाएगा। ग्वालियर जिले की तीन विधानसभाओं में उपचुनाव है। भाजपा इस उपचुनाव के जरिए अधिकतम सीटें पाकर सत्ता में बने रहना चाहती है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व सांसद प्रभात झा पिछले तीन माह से उपचुनाव वाली सीटों पर प्रचार अभियान की कमान संभाले हुए हैं। इसकी शुरुआत 22 से 24 अगस्त तक चले महा सदस्यता अभियान से हुई थी। इसके बाद इन सभी नेताओं ने एक-एक विधानसभा में कार्यकर्ताओं की बैठक, बड़ी सभाओं के अलावा बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलकर प्रचार अभियान चलाया। इसमें कांग्रेस से भाजपा में आए प्रत्याशियों ने भी खूब पसीना बहाया। चुनाव घोषणा के बाद सभी प्रत्याशी अपने प्रचार अभियान में दिन रात एक किए हुए हैं।
अब तक यह नेता आए
भाजपा के चुनाव अभियान में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, राष्ट्रीय महामंत्री एवं राज्यसभा सदस्य दुष्यंत कुमार गौतम, सांसद रीति पाठक, पूर्व मंत्री एवं ग्वालियर चंबल संभाग के प्रभारी उमाशंकर गुप्ता, मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, पूर्व मंत्री एवं विधायक संजय पाठक, अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य आदि ने मोर्चा संभाला।
कमलनाथ-पायलट तक सिमटी कांग्रेस
भाजपा की तुलना में कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ही शुरू से आखिर तक मोर्चा संभाले हुए हैं। दो दिन के प्रचार अभियान पर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी आए। इसके अलावा आचार्य प्रमोद भी बड़े ही ऐशो आराम के साथ प्रचार अभियान में लगे हुए हैं। कांग्रेस ने उन्हें एक अलग से हेलीकॉप्टर दिया हुआ है और आलीशान होटल में ठहराया है। आचार्य प्रमोद के जरिए कांग्रेस को किस वोट बैंक की तलाश है यह किसी की समझ नहीं आया।