भोपाल l उपचुनाव के दौरान दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आने संदिग्ध तत्वों को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है। जहां-जहां चुनाव होना है, वहां-वहां खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। ऐसे इलाकों में जहां पर कोरोना काल में किसी की मौत होने पर अचानक ही मातमपुर्सी करने वालों की आवाजाही बढ़ गई है या फिर किसी खास इलाके में रिश्तेदारों से मिलने वाले आए हैं, वहां खास ध्यान दिया जा रहा है। इसी से 1 नवंबर की शाम से ही बाहरी लोगों से उपचुनाव वाले इलाकों को सख्ती से खाली कराया जाएगा। सूत्रों की माने तो उपचुनाव के दौरान शांति बनाए रखते हुए मतदान पूरा करवाने को लेकर पुलिस और प्रशासन को मिली अंदरूनी खबरें चता में डालने वाली हैं। खासकर जहां से मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, वहां गड़बड़ी की आशंका ज्यादा होने से छोटी से छोटी हरकत पर भी नजर रखी जा रही है।
इस तरह हो रही है चौकसी
उपचुनाव वाले इलाकों में बाहर से आने वाली गाडिय़ों को क्रास चेक करने के साथ ही वीडियोग्राफी की जा रही है। खासकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र से आने वाली गाडिय़ों की डिटेल शक होने पर उसी प्रदेश की पुलिस को भेजकर क्रास चेक कराई जा रही है। उपचुनाव वाले क्षेत्रों की होटलों, लॉजों और सराय में ठहरने वालों की लिंस्टग की जा रही है। साथ ही इलाज या दूसरा बेहद जरूरी काम होने पर ही रूकने की परमिशन रहेगी, अन्यथा 1 नवंबर की शाम तक जिला से बाहर जाना होगा। आपराधिक तत्वों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करके जिला बदर या जेल भेजा जा रहा है। ऐसे प्रत्याशी जोकि चुनावी क्षेत्र के बांशदे नहीं है, उनके वाहनों और सीमित संख्या में कार्यकर्ताओं को जिला निर्वाचन अधिकारी की परमिशन के बाद ही उपचुनाव वाले क्षेत्र में रहने की अनुमति रहेगी।