मुरैना को छह महीनों में हमने जो सौगातें दी, उसकी आधी भी कमलनाथ नहीं दे पाए : मुख्यमंत्री

Update: 2020-10-23 15:39 GMT

मुरैना। मैं मुख्यमंत्री इसलिए नहीं हूं कि इस कुर्सी पर बैठकर इतराऊं, बल्कि इसलिए मुख्यमंत्री हूं कि मध्यप्रदेश का ऐसा विकास करूं, जिसकी पूरे भारत में मिसाल दी जाये।  मैंने गरीब गर्भवती बहनों को लड्डू खाने के लिए 16 हजार रुपये देने की योजना बनाई थी, सेठ कमलनाथ जी की सरकार ने उस योजना को भी बंद कर दिया था।मैंने फिर से इस योजना को प्रारम्भ करने का फैसला किया है। जितनी सौगातें मुरैना को हमने छह महीनों में दी, उसकी आधी भी कमलनाथ जी 15 महीनों में नहीं दे पाए। ये बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मुरैना में आयोजित एक जनसभा में कही।प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जुटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आज मुरैना विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। 

कमलनाथ को नहीं पता सरसों कहाँ लगती है -

सीएम ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कमलनाथ जी को तो यह भी नहीं पता कि सरसों ज़मीन के अंदर लगता है कि ज़मीन के बाहर।किसानों की फसल खराब होती तो ये एसी कमरे में सोते रहते थे, ये क्या किसानों की बात करेंगे। मैं किसान का बेटा हूं, आपका दर्द अच्छी तरह समझता हूं। किसान भाइयों, आपके खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए जो संभव है, उपाय किये जायेंगे। धान, बाजरा का एक-एक दाना खरीदा जायेगा। हम कमलनाथ जी की तरह झूठे वादे नहीं करते, काम करते हैं। मैंने किसानों के कल्याण के लिए पिछले 6 माह में 24 हजार करोड़ रुपया खर्च किया। मैंने किसान सम्मान निधि के 6 हजार रुपये में प्रदेश सरकार की ओर से जोड़कर 4 हजार रुपये देने का फैसला किया है। अब हमारे किसानों को हर साल 10 हजार रुपये मिलेंगे।

कमलनाथ नकारते है राहुल गांधी की बात -

नेता तो वो होता है, जो विपरीत परिस्थितियों से बाहर निकालकर ले जाये। मेरे भाइयों-बहनों, चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों, मैं प्रदेश के विकास और जनता के कल्याण के कामों को नहीं रुकने दूंगा।हमने मध्यप्रदेश की आम जनता की तकदीर और क्षेत्र की तस्वीर बदलने का संकल्प लिया है। जो कल्याणकारी योजनाएँ सेठ कमलनाथ ने बंद की, वो हमने फिर से शुरू कर दी हैं।केंद्र में एक है राहुल गांधी कांग्रेस और मध्यप्रदेश में है कमलनाथ कांग्रेस, राहुल गांधी जी कुछ बोलें तो कमलनाथ जी उसे नकार देते हैं।ऐसे नेताओं का मध्यप्रदेश में क्या काम।  











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