सीधे चुनाव क्षेत्र से : भांडेर की मैदानी चर्चा
कोई जीतने के लिए लगा रहा जोर तो कोई हराने की कर रहा राजनीति
भांडेर/ग्वालियर। वर्तमान राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। नीति और सिद्धांत अब दूर की बात हो गई है। क्षेत्र के प्रमुख प्रत्याशियों में चार पूर्व विधायक हैं। खास बात यह है कि यह चारों जब विधायक चुने गए तब इनका दल अलग था और आज अलग दल से चुनाव मैदान में हैं। लेकिन इन चारों का आज भी जमीनी प्रभाव दिखता है। इन राजनीतिक दलों में प्रमुख रूप से भाजपा, कांगे्रस, बसपा और बहुजन अघाड़ी दल (निर्दलीय) हैं। स्वदेश की चुनाव डेस्क की ओर से भांडेर के राजनीतिक गतिविधियों का क्षेत्र में जाकर अध्ययन किया तो यही स्वर सुनने में आ रहे हैं कि यह चुनाव कांटे का है। जिसमें कोई किसी को जिताने में लगा है तो कोई किसी को हराने की राजनीति कर रहा है।
भाजपा की प्रत्याशी पूर्व विधायक रक्षा संतराम सिरोनिया अपनी जीत के प्रति आश्वस्ति के भाव से लबरेज हैं। उनके लिए वजनदार बात यह है कि उनके पक्ष में समर्पित कार्यकर्ताओं की लम्बी लाइन लगी है। भाजपा का कार्यकर्ता शिवराज सिंह चौहान की सरकार को मजबूत करने के लिए गांव गांव वोट मांग रहे हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में सिंधिया समर्थकों का भी खासा प्रभाव है।
जहां तक कांगे्रस की बात की जाए तो इसके प्रत्याशी फूल सिंह बरैया ने लम्बे समय तक बहुजन समाज पार्टी के नेता के तौर पर अपनी राजनीति प्रारंभ की थी। वे भी एक बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसलिए क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी के समय की पहचान उनके काम आ रही है। लेकिन उनके समक्ष बड़ी परेशानी यह है कि जो कांग्रेसी नेता टिकट की मांग कर रहे थे, उनकी भूमिका को संदेह को जन्म दे रही है। यहां तक कि प्रदेश के गृह मंत्री रह चुके महेंद्र बौद्ध ताल ठोककर बरैया के समक्ष एक बड़ी दीवार बन कर खड़े हो चुके हैं। कई कांग्रेस नेता खुलकर तो कई छिपकर महेंद्र बौद्ध का प्रचार कर रहे हैं।
एक और पूर्व विधायक रामदयाल प्रभाकर का चुनाव मैदान में होना कई बातों को जन्म दे रहा है। वे जीतेंगे या नहीं, यह तय नहीं है, लेकिन किसी न किसी को हराने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं।
पूर्व विधायक पिरोनिया कर रहे गांव-गांव प्रचार
भांडेर विधानसभा क्षेत्र में जमीनी हालात का जायजा लेने पहुंची स्वदेश की टीम को एक गांव में पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनिया भी मिल गए। वे लोगों से मिलकर भाजपा के पक्ष में मतदान कर शिवराज सरकार को मजबूत बनाने का आह्वान कर रहे हैं। उनसे जब सीधी बात की तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता का एक ही लक्ष्य है क्षेत्र का विकास और कमल का फूल। वह इसी के लिए काम कर रहे हैं। पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनिया की क्षेत्र में खासी पहचान हैं, वे मतदाताओं से सीधा सरोकार रखते हैं। क्षेत्र में उनके प्रति आत्मीयता का भाव देखकर यह तय हो जाता है कि जनप्रतिनिधि को ऐसा ही होना चाहिए। भाजपा के लिए इनका गांव-गांव वोट मांगना सकारात्मक वातावरण बनाने का काम कर रहा है।
बसों में बैठे यात्री चुनावी चर्चा में व्यस्त
जब हमारी टीम ने इंदरगढ़ से भांडेर जाने वाली एक बस में यात्रा की तो कुछ यात्री राजनीतिक चर्चा में व्यस्त थे। कोई 35 करोड़ रुपए में विधायक के बिकने की बात कर रहे थे तो कोई भाजपा सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों के पक्ष में भी दिखाई दे रहा था। रामनरेश नाम के एक व्यक्ति का कहना था कि 35 करोड़ लेने की बात निराधार है। ये तो सिंधिया के साथ भाजपा में गए हैं। अकेले जाते तो इसकी कुछ गुंजाइश थी। सिंधिया के साथ ऐसा नहीं हो सकता। इतने में एक यात्री बोला कि आज जिस सडक़ पर हम यात्रा कर रहे हैं, वह 15 साल पहले किसी थी और आज कैसी है, यह सब भाजपा की सरकार ने ही किया है।