28 सीटों में छिपी है सत्ता बनाने की चाबी जीत तय करेगी किसकी होगी सरकार!
भोपाल l मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। प्रदेश की राजनीति में इन 28 सीटों की अहम भूमिका रही है। पिछले दो दशकों का इतिहास देखें, तो इन 28 सीटो के पास सरकार बनाने की चाबी रही है। जिस भी पार्टी ने ये सीटें जीती हैं, प्रदेश में उसी की सत्ता कायम रही है। जिसने ये 27 सीटें जीती है, उनका भाग्य का ताला खुला है। इन सीटों को तीन बार भाजपा ने जीता और प्रदेश में हैट्रिक बनाई। वहीं एक बार ये कांग्रेस के पास आईं, तो 15 साल की सत्ता एक झटके में बदल गई और कुर्सी पर कांग्रेस बैठ गई।
मध्य प्रदेश में सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने वाली इन्ही 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। इन्ही 28 सीटों पर 2003 में भाजपा ने 18 सीटें जीतीं और भाजपा की सरकार बनी। 2008 में भाजपा ने फिर 15 सीटें जीतकर अपनी सरकार बना ली। 2013 में फिर भाजपा ने 28 में से 21 सीटों पर कब्जा कर लिया और तीसरी बार सूबे में सरकार बनाई। 2018 में इन 28 सीटों में से 27 कांग्रेस के पास आ गईं और सूबे की सरकार बदल गई। हाथ ने कुर्सी से कमल को उखाड़कऱ कमलनाथ को बैठा दिया। अब इन उपचुनाव में फिर इन 28 सीटों पर सत्ता की चाबी है, जो इन्हें जीतेगा उसकी किस्मत का ताला खुल जाएगा।
जिस पार्टी ने जीती ज्यादा सीटें उसका खुला भाग्य का ताला
2018 में कांग्रेस की सरकार बनी। इन 28 सीटों में से 27 पर कांग्रेस उम्मीदवार जीते और एक भाजपा के उम्मीदवार के हाथ आई। 2013 में भाजपा की सरकार बनी, 05 कांग्रेस उम्मीदवार जीते, तो 21 भाजपा उम्मीदवार जीते और सीटें बसपा के खाते में गयी। 2008 में भाजपा की सरकार बनी। 10 सीटें कांग्रेस के खाते में तो 15 सीटें भाजपा ने जीती और 2 सीटें बसपा के पास गयी। 01 जनशक्ति उम्मीदवार ने भी जीत हासिल की। 2003 में भाजपा की सरकार बनी. 07 कांग्रेस उम्मीदवार जीते,18 भाजपा उम्मीदवारोने जीत दर्ज की तो 01 बसपा उम्मीदवार और 01निर्दलीय उम्मीदवार, 01राष्ट्रीय समानता दल के उम्मीदवार ने जीत हासिल की।