शिवराज ने 41, तो कमलनाथ ने की 23 सभाएं, रोजाना पहुंच रहे तीन से चार सीटों पर
भोपाल। मध्य प्रदेश में सत्ता का भविष्य तय करने 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में जीत के लिए कांग्रेस और भाजपा ने अपने पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों पार्टियों की तरफ से स्टार प्रचारकों की सूची में 30-30 नेताओं के नाम है। लेकिन हर सीट पर डिमांड लोकल नेताओं की ही है। भाजपा से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की डिमांड सबसे ज्यादा है।
अगर सभाएं और रैलियों की बात की जाए तो कमलनाथ से शिवराज सिंह 2 गुना आगे हैं। 29 सितंबर से लेकर 23 अक्टूबर तक कमलनाथ ने 23 सभाएं की है। वही मुख्यमंत्री शिवराज अब तक 41 सभाएं कर चुके हैं। शुक्रवार को शिवराज ने जहां पूरी के चर्ज, पिछोर तथा खडक़पुर में आमसभा ली। वही कमलनाथ सुआसरा के शामगढ़ और सांवेर, पाल और काकरिया पहुंचे। अगले कुछ दिन भी इन नेताओं की लगातार सभाएं होंगी। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की 17, राजसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया की 25, विष्णुदत्त शर्मा की 19 सभाएं हो चुकी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ रोजाना तीन से चार सीटों पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में साफ है कि प्रचार के लिए बचे हुए 9 दिन में यह नेता हर सीट पर कम से कम 2 बार और जा सकते हैं। उधर नरेंद्र सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीडी शर्मा भी रोजाना दो सभाएं ले रहे हैं। अभी तक चुनाव अभियान से दूर रहे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी एक-दो दिन के भीतर मैदान में उतरने वाले हैं, और वह भी बैठकों के अलावा सभाओं में शामिल होंगे।मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आने वाले गुर्जर मतदाता की 5 सीटों पर अच्छा प्रभाव रखते हैं। इसमें गोहद, मुरैना, सुमावली, मेहगांव तथा मांधाता के वोटरों को लुभाने के लिए ही कांग्रेस राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मैदान में उतारने की तैयारी में है। पायलट 27 अक्टूबर के बाद चुनावी दौरे पर आ सकते हैं।