भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य से 'स्वदेश' की विशेष चर्चा
कांग्रेस और नाथ की सोच दलित विरोधी:आर्य
वेबडेस्क। आज से नहीं आजादी के बाद से ही कांग्रेस की कथनी और करनी में बहुत बड़ा फर्क नजर आया है, लेकिन अब उसके चाल, चरित्र और चेहरे को बेनकाब करने का समय आ गया है। जनता के बीच इस बात का खुलासा होना चाहिए कि वोटों की खातिर दलित प्रेम का स्वांग करने वाली कांग्रेस का असली चेहरा क्या है?
मप्र सरकार की मंत्री इमरती देवी पर पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ की आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा। देखते ही देखते ये मामला डबरा से निकलकर पूरे प्रदेश और देश की राजनीति में उफान की वजह बन गया, अब भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा भी इसे लेकर तीखे तेवर जाहिर कर रहा है, और 'स्वदेश' से विशेष चर्चा के दौरान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने कई मुद्दों को लेकर कांग्रेस और कमलनाथ पर निशाना साधा।
गरीब, दलित, महिला विरोधी सोच उजागर
बहन इमरती देवी पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की टिप्पणी बेहद अशोभनीय है, एक महिला जो बहुत ही छोटे परिवार से आई हो, जिसने जनसेवा और सतत संघर्ष के बाद एक मुकाम हासिल किया हो। उसे लेकर सार्वजनिक तौर पर इस तरह की टिप्पणी करना कहीं से कहीं तक उचित नहीं है। कमलनाथ के बारे में जैसा कहा जाता है, असल में वह वैसे ही राजनेता हैं, जिनका घमंड हमेशा सिर चढ़कर बोलता है, जिसके चलते उन्होंने कभी भी किसी का सम्मान नहीं किया। इमरती देवी पर की हुई उनकी अभद्र टिप्पणी उनके साथ पूरी कांग्रेस की गरीब, दलित और महिला विरोधी सोच उजागर करती है। राहुल गांधी को चाहिए कि वो कमलनाथ को पार्टी से मुक्त कर दें।
राहुल से बड़े हो गए कमलनाथ
कमलनाथ की अशोभनीय टिप्पणी के बाद उनके नेता राहुल गांधी भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दे चुके हैं, लेकिन कमलनाथ ने अभी तक इसे गलत नहीं माना। यह अपने आप में एक बेहद ही गंभीर विषय है। इस बयान के जरिए कमलनाथ ने सिर्फ एक दलित महिला का अपमान ही नहीं किया, बल्कि अपने नैतिक मूल्य भी खो दिए हैं। भाजपा अनुसूचित मोर्चा की मांग है, कि कमलनाथ जल्द से जल्द इमरती देवी से माफी मांगे।
जीत को लेकर पार्टी आश्वस्त है?
लाल सिंह आर्य ने कहा कि 25 लोग कांग्रेस से अपमानित होकर भाजपा में आए हैं। कांग्रेस में रहते हुए ये लोग जनता के लिए विकास कार्य नहीं कर पा रहे थे, 15 महीनों में प्रदेश की जनता कमलनाथ के भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी से परेशान थी। जबकि शिवराज सिंह चौहान के सत्ता में आते ही सभी रूके काम शुरू हो गए हैं। इस दौरान आर्य ने कहा कि हमारे सारे चेहरे बेदाग हैं, और हमारा मुद्दा विकास है। यह मुकाबला एकतरफा होगा। सभी 28 सीटों पर सिर्फ और सिर्फ भाजपा की जीत होगी। भाजपा पूरी ताकत से विधानसभा की 28 सीटें जीतकर लाएगी। तीन नवंबर को होने वाला मतदान और 10 तारीख का परिणाम सब बता देगा। वहीं कमलनाथ द्वारा इमरती देवी पर दिए बयान का भी उन्हें भुगतान करना होगा।
कमलनाथ ने कांग्रेस की संस्कृति को आगे बढ़ाया
हालांकि कांग्रेस की यह संस्कृति ही रही है, जिसकी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर बता चुकी हैं, राहुल गांधी चुनावी सभाओं में उन्हें चोर करार दे चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस में ऐसे नेताओं की कमी नहीं है, जो अपने बेहूदा बयानों से किसी की छवि को प्रभावित करने के लिए किसी भी स्तर तक गिर जाते हैं। यहां मामले में गौरतलब यह है, कि कमलनाथ भी अपने बयान के बाद माफी नहीं मांग रहे, यह उसी कांग्रेस के नेता है, जिसने देश के बंटवारे के लिए माफी नहीं मागी, सिख नरसंहार और आपातकाल के लिए कभी माफी नहीं मांगी।
कई बार किया बाबा साहेब का अपमान
एक दलित महिला का अपमान सीधे तौर पर बाबा साहेब के संविधान और उनके मूल्यों का अपमान है। वैसे कांग्रेस के लिए यह कोई नई बात नहीं है। यह वही कांग्रेस है, जिसने कई दफा बाबा साहेब आंबेडकर को लोकसभा में जाने से रोका है, ये वही कांग्रेस है, जिसने उनके संविधान को नकारकर देश में आपातकाल लगाया, यह वही कांग्रेस है, जिसने अपने शासनकाल में बाबा साहेब की एक भी स्मारक नहीं बनवाई। ऐसे में कांग्रेस से भला कोई कैसे ये उम्मीद कर सकता है, कि उसकी सोच दलित हितैषी हो सकती है।