विधायक बनाने की फैक्ट्री है चम्बल की यह तहसील

Update: 2020-11-01 01:00 GMT

मुरैना। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में पांच सीटें मुरैना जिले की हैं, जिनमें एक सीट अंबाह भी शामिल हैं, जहां उपचुनाव हो रहा है। वैसे तो हर सीट पर जातिगत फैक्टर ज्यादा प्रभावी रहता है, लेकिन अंबाह सीट पर क्षेत्रवाद ज्यादा प्रभावी नजर रहा है। अंबाह विधानसभा सीट भले ही 2 तहसीलों को मिलाकर बनती हो, लेकिन यहां सिर्फ पोरसा तहसील का दबदबा रहता है। यहीं कारण है कि अंबाह विधानसभा सीट पर अभी तक चुने गए 13 विधायकों में से 10 पोरसा तहसील के निवासी रहे हैं।

अंबाह पर पोरसा तहसील का वर्चस्व

अंबाह तहसील के अंतर्गत आने वाली 54 राजस्व ग्राम पंचायतों के अलावा नगर पालिका अंबाह है और पोरसा तहसील के अंतर्गत 53 राजस्व ग्राम पंचायत और नगर पालिका क्षेत्र पोरसा शामिल है। अंबाह तहसील से अंबाह नगरी क्षेत्र के अलावा सिर्फ 7 ग्राम पंचायतें ही विधानसभा का हिस्सा है। शेष ग्राम पंचायत भिवानी विधानसभा क्षेत्र में आती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यहां न क्षेत्रवाद है और न जातिवाद मुद्दा हावी है बल्कि पोरसा क्षेत्र में जनसंख्या ज्यादा होने के चलते लोग अपने जनप्रतिनिधि से जुडऩे की वजह से यहां के उम्मीदवार को चुनते हैं।

क्षेत्रवाद ज्यादा हावी!

स्थानीय निवासियों को कहना है कि विधानसभा क्षेत्र के बड़े भूभाग का हिस्सा पोरसा तहसील का होने के कारण बड़ी जनसंख्या भी पोरसा तहसील क्षेत्र में निवासी है, जो अंबाह विधानसभा के मुख्यालय से भौगोलिक दृष्टि से काफी दूरी पर भी हैं, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र और दूरदराज से जुड़ा आम मतदाता नजदीक में संपर्क में आने वाले जनप्रतिनिधि को कार्य सुविधा की दृष्टि से प्राथमिकता देता है। यही कारण है कि अभी तक चुने गए 13 विधायकों में से 10 विधायक पोरसा तहसील क्षेत्र के निवासी हैं, जबकि शेष तीन में से एक प्रत्याशी मूलत सीमावर्ती राज्य उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के पिनाहट और 2 दिमनी विधानसभा क्षेत्र के निवासी चुनाव जीतने में सफल हुए हैं।

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