भाजपा के चक्रव्यूह को भेद पाएगी कांग्रेस?

उप चुनाव के प्रचार मैदान में 19 मंत्री, 70 विधायक, 25 सांसद

Update: 2020-10-25 01:00 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होना है और कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं और कमलनाथ को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने 28 सीटों पर अपने चक्रव्यूह की रचना की है और इस चक्रव्यू में करीब 19 मंत्री, 25 सांसद, 95 विधायक, सभी जिलाध्यक्ष और संगठन मंत्रियों को मैदान में उतारा गया है।

भाजपा का चक्रव्यूह

भाजपा इन उपचुनाव को किसी भी कीमत में कांग्रेस के हाथों में नहीं देना चाहती। शायद यही वजह है कि पार्टी ने इतनी बड़ी संख्या में अपने नेताओं को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दी है. इस दौरान पार्टी ने 19 मंत्री, 25 सांसद और 95 विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही हर सीट के चुनाव प्रभारी के साथ जिला अध्यक्ष व उसकी टीम लगाई गई है। इसके अलावा संगठन मंत्रियों को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है। सीट से लेकर बूथ और पन्ना प्रमुख तक 60 से 70 लोगों की टीम तैनात है, जहां हर पन्ना प्रमुख के पास 30 से 50 वोटों का दायित्व है। ये उन्हें निकालकर मतदान केन्द्र तक ले जाएंगे।

9 सीटों पर भाजपा का फोकस

यानी 28 सीटों पर उपचुनाव में भाजपा का गेम प्लान ये भी है कि सबसे ज्यादा फोकस भाजपा का 9 सीटों पर है। जहां पर भाजपा 10 हजार से भी कम वोटों से हारी थी। इसके साथ ही भाजपा 12 सीटों को सिंधिया कैंप से बाहर का मान कर चल रही है। जिसमें अनूपपुर, सुवासरा, सुमावली, मुरैना, अंबाह, गोहद, नेपानगर, बड़ा मलहरा, मांधाता, जौरा, ब्यावरा और आगर मालवा शामिल हैं। लिहाजा इन 6 सीटों पर भाजपा ने अपने खास रक्षा कवच तैनात कर दिए हैं, जिससे पार्टी को जीत मिल सके।

कांग्रेस का वार

वहीं उपचुनाव में प्रचार को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेश नरेंद्र सलूजा का कहना है कि भाजपा मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर के कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार में लगा रही है और अन्य राज्यों के नेताओं, कई केंद्रीय मंत्री चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इस बार जनता भाजपा का चेहरा समझ चुकी है और अब वो कांग्रेस के साथ रहेगी, क्योंकि जिस खरीद-फरोख्त की राजनीति भाजपा करती है, उस राजनीति को अब आम जनता समझ चुकी है। इसलिए अब भाजपा कितनी भी ताकत लगा ले जनता के विश्वास को नहीं जीत पाएगी।

भाजपा की जीत का गणित

भारतीय जनता पार्टी के पास अभी 107 सीटें हैं, बहुमत के लिए 116 चाहिए और सरकार यदि उपचुनाव में 9 सीटें जीतती है, तो भाजपा बहुमत में आ जाएगी। साथ ही निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को खनिज निगम का अध्यक्ष बनाकर भाजपा पहले ही अपने साथ कर चुकी है और निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा तथा केदार सिंह डाबर भाजपा के साथ रहने का ऐलान कर चुके हैं। बाकी एक निर्दलीय विधायक साथ नहीं भी आते हैं, तो भी भाजपा पूरी तरह से बहुमत में होगी।

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