फ्यूज बल्ब से राजनीतिक उजाला लाने की कवायद में कांग्रेस
मृतप्राय अनुषांगिक संगठन सेवादल को मिली सीटें जिताने की जिमेदारी;
सतना/वेबडेस्क। पिछले दो दशक से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस 2023 में पूरे दमखम से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है। जैसे भाजपा अपने अनुषांगिक संगठनों को सक्रिय कर उनका चुनाव में सहयोग लेती है, ठीक वैसे ही अब कांग्रेस भी तैयारी कर रही है। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश संगठन ने सेवादल को बड़ा जिम्मा सौंपा है। कांग्रेस ने मृतप्राय संगठन के पदाधिकारियों को उन सीटों का जिम्मा सौंपा है, जहां पर कांग्रेस लगातार तीन चुनाव से हार का मुंह देखती आ रही है। इस लिहाज से देखा जाए तो विंध्य क्षेत्र की 13 और प्रदेश की कुल 70 सीटें चिंहित की गई हैं, जहां पार्टी पिछले तीन चुनाव में हार का स्वाद चख चुकी है। हालांकि ज्यादातर लोगों का मानना है कि प्रदेश संगठन फ्यूज बल्ब के सहारे राजनैतिक उजाला लाने का सपना देख रहा है। प्रदेश में जब मुख्य संगठन ही सक्रिय रूप से अपनी भूमिका अदा नहीं कर पा रहा तो सेवादल अब संगठन का हिस्सा होकर भी न होने के समान है।
क्या हैं निर्देश - सेवादल संगठन से जुड़े लोगों की माने तो प्रदेश में 70 सीटें ऐसी हैं, जहां पर कांग्रेस पार्टी 2008 से लगातार चुनाव हार रही है। तय विस क्षेत्रों में सेवादल के कार्यकर्ता घर-घर जाकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगे। प्रत्याशियों को लेकर भी आमजन से फीडबैक लेंगे। चर्चा है कि कांग्रेस सेवादल की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रत्याशियों का चयन किया जाएगा। आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पूरी कोशिश साा में वापसी की है। सेवादल इसके लिए 3 से 5 दिन के शिविर लगाकर हार के कारणों के साथ मौजूदा विधायकों की कमजोरी व क्षेत्र की प्रमुख समस्या का पता लगाएगा।
विंध्य की 12 सीटों पर मिली हार -
विंध्य क्षेत्र की सिरमौर, सेमरिया, त्यौंथर, रामपुर बघेलान, रीवा, सीधी, सिंगरौली, देवसर, धौहनी, जैतपुर, बांधवगढ़, मानपुर, जयसिंह नगर की सीटों पर कांग्रेस के उमीदवारों को लगातार तीन बार हार का कड़वा स्वाद चखना पड़ा, जबकि प्रदेश की अन्य सीटों में रहली, सागर, बीना, नरयावली, गुना, शिवपुरी, दतिया, डॉ. आंबेडकर नगर, इंदौर दो, इंदौर चार, इंदौर पांच, बिजावर, चांदला, पथरिया, हटा, मुड़वारा, जबलपुर कैंट, पनागर, सिहोरा, परसवाड़ा, बालाघाट, सिवनी, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, होशंगाबाद, सोहागपुर, पिपरिया, भोजपुर, कुरवाई आदि सीटें शामिल हैं।
अगले माह होंगे शिविर -
शिविर में कार्यकर्ताओं को बूथ प्रबंधन की बारीकियां बताने के साथ मतदाताओं से संपर्क और उनसे चर्चा के प्रमुख बिंदुओं के बारे में भी बताया जाएगा। शिविर मई-जून में लगाए जाएंगे। कांग्रेस साा में वापसी के लिए उन विधानसभा क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां लगातार पराजय मिल रही है। सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस लगातार आठ बार हार चुकी है। यहां सामाजिक, क्षेत्रीय सहित अन्य समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशी बदलने के बाद भी सफलता नहीं मिली।
इनका कहना है -
सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ में मीटिंग हुई थी। इसमें शिविर लगाने के सुझाव मांगे गए थे। हमने अपनी ओर से सतना और रैगांव में शिविर लगाने को कहा था। राष्ट्रीय संगठन ने तय किया है कि यह काम अब उन सीटों पर किया जाएगा, जहां पर पार्टी पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है। -बरमेंद्र सिंह, जिला अध्यक्ष सेवादल सतन