नई दिल्ली। वीजा मानकों के उल्लंघन मामले में मोदी सरकार ने अभूतपूर्व पहल करते हुए 2200 से अधिक विदेशी तब्लीगियों पर भारत में प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी है। इस निर्णायक कदम के साथ ही मोदी सरकार ने अपने इरादों में और स्पष्टता लाते हुए साफ किया है कि राष्ट्रविरोधी कार्यों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राष्ट्रनिर्माण के संकल्प में सरकार के उक्त निर्णय से उसकी वचनबद्धता में एक और अध्याय जु? गया है। इस प्रकार पिछले एक साल के निर्णयों पर गौर करें तो यह सरकार जनाकांक्षाओं पर लगातार खरी उतरती दिख रही है।
जम्मू.कश्मीर से अनुुच्देछ.370 और धारा 35 ए हटाने से लेकर नागरिक संशोधन कानूनए तीन तलाक पर प्रतिबंधए राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरणए मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त करके मोदी सरकार ने राष्ट्रवादी फैसलों को बिंदुवार तरीकों से जो?ते हुए देश में राष्ट्रवाद की एक ऐसी लहर चला दी है जिसकी भारतीय नागरिक इतिहास के कई कालखंडों से प्रतीक्षा करते आ रहे थे। हाल के दिनों में कोरोना के खिलाफ सरकार की ल?ाई को जिस तरह तब्लीगी जमात के लोगों ने कमजोर किया हैए उसे राष्ट्रविरोधी कृत्य माना जा रहा है। तब्लीगी जमात के भारतीय सदस्य जहां कोरोना के संवाहक बनकर देशभर में संक्रमण फैलाते नजर आए तो वहीं विदेशी तब्लीगी दूसरे देशों से कोरोना लेकर आए। इनके इस जघन्य अपराध को अक्षम्य मानते हुए सरकार ने दस साल के लिए भारत प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में मार्च के दूसरे पखवा?े में देश.विदेश के हजारों तब्लीगी सदस्यों ने जलसे में भाग लेकर कोरोना पर कोहराम मचाया था। निजामुद्दीन स्थित मरकज दुनिया का सबसे मरकज माना जाता है। इस जलसे में 35 से अधिक देशों के सदस्य शामिल हुए थे। पुलिस ने छापामारी करके हजारो ंकी संख्या में तब्लीगियों को गिरफ्तार कर एकांतवास में भेजा था। कई सदस्यों ने मरकज में ही कोरोना से दम तो? दिया था। माना जा रहा है कि तब्लीगियों ने कोरोना का प्रसार नहीं किया होता तो देश अब तक कोरोना से जीत गया होता।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी तब्लीगियों की नीयत को भांपते हुए अप्रैल महीने में ही 960 विदेशी लोगों को काली सूची में डाल दिया था। इनमें चार अमेरिकाए नौ ब्रिटिश और छह चीन के नागरिक थे। ये सभी पर्यटक वीजा पर निजामुद्दीन मरकज में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। फिलहाल 1ए000 से अधिक लोगों को गृहमंत्रालय ने वीजा नियमों का उल्लंघन करने के चलते 10 साल के लिए भारत आने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके साथ तबलीगी जमात से प्रतिबंधित विदेशियों की संख्या 2ए200 से अधिक हो गई है। काली सूची में किए गए विदेशियों में 379 इंडोनेशियाईए 110 बांग्लादेश केए 63 म्यांमार के और 33 श्रीलंका के शामिल थे। अधिकारियों के मुताबिक किर्गिस्तान के 77 नागरिकए 75 मलेशियाईए 65 थाईलैंडए 12 वियतनामए 9 सऊदी अरब और 3 फ्रांसीसी नागरिक भी वीजा नियमों का उल्लंघन करने वालों में शामिल थे।
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