दिल्ली दंगों के गुलफिशा ने उगले राज
मोदी सरकार की मुस्लिम विरोधी छवि बनाना दंगों का उद्देश्य
नई दिल्ली। दिल्ली दंगे मामलों की फाइल जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए राज सामने आ रहे हैं। गिरफ्तार गुलफिशा उर्फ गुल ने पूछताछ में ऐसे कई खुलासे हुए हैं, जिससे पता चलता है कि षड़यंत्रकारी ताकतें दिल्ली में दंगे करवाकर देश को अस्थिर करना चाहते थे। दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने कहा कि दिल्ली विश्वद्यिालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद भी हिंसा के साजिशकर्ताओं में से एक थे। हिंसा भड़काने के लिए बुर्के वाली महिलाओं की टीम का वह मार्गदर्शन कर रहे थे।
पूछताछ के दौरान गुलफिशा ने पुलिस को बताया कि अपूर्वानंद ने ही दंगों के दौरान हिंसा के लिए तैयार रहने को कहा था। हिंसा के बाद अपूर्वानंद ने गुलफिशा की तारीफ भी की थी। अपूर्वानंद ने गुलफिशा को आगाह किया था कि पकड़े जाने पर वह मेरा और पिंजड़ा तोड़ की सदस्यों का नाम न ले। उन्होंने ही पत्थर, खाली बोतलें, एसिड, छुरियाँ इकठ्ठा करने के लिए कहा गया था। सभी महिलाओं को लाल मिर्च पाउडर रखने के लिए बोला था। दिल्ली में 20-25 स्थानों पर आंदोलन करवाने की योजना थी, जिसका उद्देश्य मोदी सरकार की छवि को ऐसे पेश करना था जैसे वह मुसलमानों के खिलाफ है।
अपूर्वानंद ने बुर्के वाली महिलाओं की टीम को दिए थे टिप्स
हिंसा भड़काने के लिए अपूर्वानंद ने जो रणनीति बनाई थी, गुलफिशा ने उसका खुलासा करते हुए बताया कि इसके लिए दो व्हाट्सऐप समूह बनाए थे, जिनका नाम- औरतों का इंकलाब और वॉरियर था। गुलफिशा ने बताया कि साजिश के तहत वो खुद बुर्के वाली महिलाओं और बच्चों को गली-गली जाकर सरकार के खिलाफ इस कदर भड़काती थी कि महिलाएँ धरने में आने के लिए राजी हो जाती थीं। महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन में जोडने की वजह ये होती थी कि पुलिस महिलाओं और बच्चों को जबरन नहीं उठाएगी, जैसे शाहीन बाग में हो रहा था।
भारत की छवि खराब करने की थी साजिश
गुलफिशा ने पुलिस को बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे को अपूर्वानंद ने विशेष तौर पर बार-बार जिक्र किया था। उनकी साजिश थी कि ट्रंप भारत दौरे पर होंगे तो हम लोग जगह-जगह जाम लगाएंगे। चक्का जाम करने से हिन्दू फँस जाएँगे। वहाँ लोग गुस्से में आ जाएँगे। फिर पथराव करा देंगे। फिर भारत की हर जगह छवि खराब हो जाएगी।