Parliament Budget Session LIVE: 12 घंटे की बहस के बाद वक्फ बिल पास, पक्ष में 288 वोट

Parliament Budget Session LIVE : नई दिल्ली। 2 अप्रैल सुबह 12 बजे से लोकसभा में वक्फ बिल को लेकर चर्चा शुरू हुई। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को बिल पेश किया। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच कभी तल्ख़ियां दिखी तो कभी हास-परिहास भरी तकरार हुई। चर्चा रात 8 बजे तक होनी थी लेकिन कई सदस्यों द्वारा अपनी बात न रख पाने के चलते चर्चा पूरी नहीं हो पा रही थी। इसलिए समय बढ़ाकर रात 10 बजे तक कर दिया गया। 10 बजे तक भी चर्चा पूरी नहीं हो सकी तो समय फिर बढ़ाया गया और रात 11:30 बजे तक चर्चा का निर्णय लिया गया। रात करीब 12 वोटिंग शुरू हुई और कुछ ही मिनट में नतीजा आया।
एनडीए गठबंधन के पास कुल 296 वोट थे। इसमें बीजेपी के 240, टीडीपी के 16, जदयू के 12, शिवसेना के 7, लोजपा के 5 और अन्य दलों के 16 वोट शामिल थे। वहीं इंडिया गठबंधन के पास कुल 235 वोट थे। इसमें कांग्रेस के 99, सपा के 37, टीएमसी के 28, डीएमके के 22, शिवसेना के 9 और अन्य दलों के 40 वोट शामिल थे। बिल के पक्ष में 296 में से 288 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 235 में से 232 वोट पड़े। इस तरह लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास हो गया।
11 घण्टे से अधिक चली बहस के बाद लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर वोटिंग हुई। इसके पक्ष में 288 वोट पड़े। वहीं विपक्ष में 232 वोट पड़े।
लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पर मतदान जारी
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा - मेरे भाषण से पहले आपने जेपीसी के अध्यक्ष को बोलने दिया यह स्वागत योग्य है। सभी ने अपने - अपने तर्क रखे। मैंने सभी की बात सुनी। वैसे तो कुछ लोगों ने तर्क वाले बिंदु उठाए लेकिन कुछ ने तर्कहीन बात भी की।
जो समझने का प्रयास ही नहीं कर रहा तो उसे मैं नहीं समझा सकता। जबरदस्ती इसे असंवैधानिक मत कहिए। मैंने अदालत के ऑब्जर्वेशन को पढ़कर सुनाया है। कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिन्हें हल्के में नहीं उपयोग करना चाहिए। हमें सुनने वाले क्या कहेंगे।
सभी को बोलने का हक़ है। कई सदस्यों ने अच्छे मुद्दे उठाए। गौरव गोगोई ने भी कहा - वक्फ बाय यूजर क्यों ख़त्म हुआ इसका जवाब मैं देता हूं। कि, मानिए अगर वक्फ बोर्ड कहने भर से किसी जमीन को वक्फ की जमीन डिक्लेयर नहीं कर सकते। यह एंटी मुस्लिम कैसे हो गया। इसे इस्लाम के खिलाफ न माना जाए। जब इल्जाम लगाते हैं तो यह बिना तर्क के नहीं होना चाहिए। प्रॉपर डॉक्यूमेंट दिखाने पर जमीन को वक्फ की जमीन घोषित की जा सकती है।
इतने सालों से सभी जानते हैं कि, कलेक्टर रेवेन्यू, वेलफेयर से जुड़े मुद्द्दे देखता है। वो किसी पार्टी का नहीं होता। यह कहा जाए कि, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता, यह गलत है। इतना अविश्वास गलत है। अपील का प्रावधान भी है।
जगदंबिका पाल ने कहा - मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं धन्यवाद करता हूँ। जब बिल पेश किया गया था तभी हम इसे पास कर सकते थे लेकिन मंत्री जी ने कहा कि, हम इसे जेपीसी को भेजेंगे ताकि इस्लाम से जुड़े लोग और विद्वानों से चर्चा की जा सके। पूरे साल में स्टैंडिंग कमेटी की 24 - 25 बैठक होती है। इस कमेटी की 38 बैठक हुई है 6 महीने में। जितना स्टैंडिंग कमेटी में बोलने का मौका नहीं मिला उतना जेपीसी में देखने को मिला है।
जेपीसी की कमेटी में शामिल सभी लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि, उनकी सभी बातों को माना गया है। 11 बजे से बैठक करते थे तो शाम 6 से 7 तक बैठक चलती थी। वक्फ में कोई दखल नहीं किया जाएगा। ओवैसी जी ने संविधान में बिल फाड़कर असंवैधानिक काम किया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बिल को फाड़ते हुए कहा - मुस्लिम वक्फ की जायदात पर कब्ज़ा होगा। लिमिटेशन लगेगा तो कोई भी जमीन पर कब्ज़ा कर लेगा। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने अपने भाषण में वक्फ विधेयक का कड़ा विरोध किया और इसे भारत में मुसलमानों के इबादत के अधिकार पर हमला बताया। उन्होंने केंद्र सरकार पर मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और दावा किया कि यह उनके लिए निजी मामला है। ओवैसी ने तर्क दिया कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक स्वतंत्रता और धार्मिक मामलों के प्रबंधन के अधिकार की रक्षा करता है। उन्होंने विधेयक को अन्यायपूर्ण करार देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य मुसलमानों को अपमानित करना है।
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा - वक्फ (संशोधन) विधेयक मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने और उनके निजी कानूनों और संपत्ति के अधिकारों को हड़पने के उद्देश्य से बनाया गया एक हथियार है। आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर यह हमला आज मुसलमानों पर लक्षित है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है। कांग्रेस पार्टी इस कानून का कड़ा विरोध करती है क्योंकि यह भारत के मूल विचार पर हमला करता है और अनुच्छेद 25, धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है।
दिल्ली: कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी लोकसभा मतदान से पहले संसद पहुंचे।
लोकसभा की कार्यवाही का सयय रात 11.30 बजे तक अथवा वक्फ बिल पास होने तक बढ़ाया गया।
सपा सांसद जियाउर्रहमान ने कहा - "वक्फ बिल के जरिए सरकार ट्रिब्यूनल की शक्तियों को सीमित कर रही है। मैं इसका सिर्फ इसलिए नहीं कर रहा क्योंकि यह एनडीए द्वारा लाया गया है बल्कि इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इसके जरिए मुसलमान समाज को टारगेट किया जा रहा है। अगर चुनाव के समय आपसे यह कहा कि, वक्फ बिल लाएं तो यह भी कहा गया कि, लोगों को रोजगार दिया जाए। जिन्हें पाकिस्तान से प्यार था वे यहां से चले गए लेकिन जो यहां है वे इस देश के हैं। पहले भी महिलाएं वक्फ बोर्ड में शामिल थीं। यह बिल लोगों के बीच विवाद पैदा करेगा। आपके पास 240 सांसद है लेकिन उनमें से एक भी मुस्लिम नहीं है। यह बहुत शर्मनाक है। आपको मदरसों और स्कॉलरशिप से दिक्कत है और आप लोगों को हक़ दिलाने की बात करते हैं। सरकार के कहना चाहता हूँ कि, यह बिल वापस लिया जाए। इससे नौकरशाही को और अधिक शक्तियां मिली है। दूसरे धर्म के लोगों को वक्फ बोर्ड में रखने का क्या मतलब है।"
वक्फ संशोधन बिल पर संबित पात्रा ने कहा - मुझे ख़ुशी है कि, इस समय मैं भारत की संसद का हिस्सा हूँ। मुझे दुःख है कि, हम भारत के लोग इस बात पर बहस कर रहे हैं कि, क्या भारत का एक पक्ष मुसलमानों का हक छीन रहा है। मैं यह कहना चाहता हूँ कि, मुसलामानों के लिए भारत सबसे सुरक्षित है। केरल की बात हो रही है। वहां के ही एक गांव में भारत की पहली मस्जिद बनी थी। क्या वक्फ की जमीन विदेशों की मुस्लिम कंट्री में है। मोदी जी का दोष क्या है। हम मुसलामानों और पिछड़े तबके का विकास चाहते हैं। वक्फ का मतलब दान होता है। सभी धर्मों में दान महत्ता है। वक्फ ने मुसलमानों की जमीन का अधिकग्रहण का काम भी किया है। यह कानून इसे ख़त्म कर देगा।